इंदौर देवास हाईवे पर क्यों लगा महा जाम- हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, प्रशासन को भेजा नोटिस

इंदौर में दो दिन पहले इंदौर देवास हाईवे पर तकरीबन 40 घंटे तक जाम लग गया। जिसें महा जाम का नाम दिया गया। इस जाम में फंसने से तीन लोगो की मौत हो गई। इसके बाद यह मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है इसे लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है जिस पर आज सोमवार को इस पर वही सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगे हैं।
यह जनहित याचिका देवास के आनंद अधिकारी द्वारा सीनियर एडवोकेट गिरीश पटवर्धन एवं कीर्ति पटवर्धन के माध्यम से दायर की गई है याचिका में इतने लंबे लगे जाम के कारण हजारों लोगों को हुई परेशानियां का जिक्र करते हुए इस पूरे मामले जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने मांग की गई है और इस समस्या का स्थाई समाधान खोजे जाने की गुहार भी कोर्ट से की गई है।

थमें चक्कों के बीच चला जीवन संघर्ष
इंदौर-देवास बाईपास पर 40 घंटे बाद भी महाजाम से वाहन चालकों को राहत नहीं मिल पाई थी । आठ किलोमीटर लंबे जाम में जिंदगियां घंटों तक फंसी रही थी। कोई भूखे-प्यासे जाम खुलने का इंतजार करता रहा तो कोई बच्चे भी उमस और वाहनों के धुएं से परेशान नजर आए। दूसरे दिन प्रशासन जागा। अफसर दौड़े-दौड़े पहुंचे, लेकिन वे भी ज्यादा कुछ नहीं कर पाए। आठ किलोमीटर लंबे जाम में पांच हजार से ज्यादा वाहन फंसे थे। लेकिन दो पहिया वाहनों को निकलने की जगह तक नहीं मिली।

आपातकालीन सेवाएं भी रही ठप
एबी रोड के अर्जुन बरोद से डकाच्या के बीच पुलिया और सड़क निर्माण के चलते कई वाहन जाम में फंस रहे हैं। यह स्थिति आपातकालीन सेवाओं को भी प्रभावित कर रही थी, जिससे एम्बुलेंस की आवाजाही में बाधा आ रही थी। इससे कई गंभीर बीमारियों को सामने करने वाले मरीजों की जान पर बन आई।विडंबना यह हो गई कि इस ट्रैफिक में फंसने से तीन लोगों की तबियत बिगड़ गई। जिसमें से एक को हार्ट अटैक आ गया। इसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ना ले जाया जा सके जिसके कारण तीन लोगों की इस ट्रैफिक के कारण मौत हो गई।

ट्रैफिक जाम होते ही क्यों नहीं जागा प्रशासन
अर्जुन बरोद से डकाच्या के बीच पुलिया और सड़क निर्माण के चलते यहां पर जाम लगेगा यह प्रशासन की जानकारी में था। यदि नहीं था तो हाईवे पर कब ट्रैफिक बढ़ जाएगा इसकी वैकल्पिक व्यवस्था जब प्रशासन ने 40 घंटे के जाम लगने और 3 लोगों की मौत होने के बाद की वह पहले से क्यों नहीं की। यदि प्रशासन यहां पर ट्रैफिक नियंत्रण के व्यापक प्रबंध पहले से ही कर लेता तो यह स्थिति निर्मित ही नहीं होती।