MP में एकमात्र गणेश मंदिर, जहां ‘ब्रह्मचारी’ के रूप में पूजे जाते है भगवान गणेश

मध्यप्रदेश के रतलाम में भगवान गणेश का एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जहां भगवान गणेशजी की पूजा तपस्वी और ब्रह्मचारी के रूप में की जाती है। खास बात ये है कि ये मंदिर मध्यप्रदेश का एक मात्र मंदिर है, जहां गणेशजी ब्रह्मचारी के रूप में विराजमान है।

दरअसल, हम बात कर रहे है रतलाम के एक प्राचीन मंदिर श्री उकाला गणेश मंदिर की। जहां गणेश जी की लगभग 11 फीट ऊंची खड़ी प्रतिमा विराजमान है। खड़े हुए तपस्वी के रूप में भगवान गणेश जी यह प्रतिमा प्रदेश में एक मात्र मानी जाती है। इस मंदिर मे गणेश जी के साथ उनकी पत्नी देवी रिद्धी सिद्धी की प्रतिमा स्थापित नहीं की गई है।

ये मंदिर अति प्राचीन माना जाता है। मान्यता है कि मंदिर की स्थापना के समय भगवान गणेश जी की दुलर्भ प्रतिमा के सामने मंदिर में परिसर में कुंड खोदे गए थे,जिनमें उबलता हुआ पानी निकलता था। इसी वजह से इस मंदिर का नाम उकाला गणेश मंदिर पड़ गया।

इस मंदिर में दूर-दूर से भक्त भगवान गणेश जी के दर्शन और मनोकामनाए करने आते है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते है। गणेश चतुर्थी के त्यौहार पर गणेशजी की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया जाता है। मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तो की मुरादे पूरी होती है। साथ ही गणेश उत्सव के 10 दिनों के दौरान खास धूम मची रहती है।

युवक-युवतियों के विवाह और संतान प्राप्ति के लिए भक्त यहां मनोकामना करते है। मनोकामना पूरी होने पर भगवान गणेशजी को चोला चढ़ाने के लिए लंबी वेटिंग लगती है। चोला चढ़ाने की बुकिंग कराने पर श्रद्धालुओ को 1 साल की वेटिंग मिलती है। रतलाम के उकाला गणेशजी के दर्शन के लिए ना केवल रतलाम बल्कि प्रदेश के कई शहरों से भक्त आते है।