दो हिस्सो में बटी पार्टी, गुना में BJP नेताओं ने सिंधिया का नाम लेकर अनुशासनहीनता पर उठाए सवाल

मध्य प्रदेश के गुना जिले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में एक बड़ी फूट साफ तौर पर देखने को मिल रही है। नगरपालिका परिषद की बैठक में हुए हंगामे के बाद बीजेपी नेताओं ने पार्टी के आधा दर्जन पार्षदों को अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस जारी किया था। हालांकि, इन पार्षदों ने जवाबी नोटिस में खुद को अनुशासन में रहते हुए अपनी बात रखने का दावा किया और अपनी सफाई दी है।

सिंधिया और मोदी के रास्ते पर चलने की दी दुहाई

इन पार्षदों ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के मार्ग पर चलने का हवाला देते हुए, नगर पालिका अध्यक्ष के पति अरविन्द गुप्ता के कृत्य को अनुशासनहीनता करार दिया। इस मुद्दे ने बीजेपी के अंदर एक नई उथल-पुथल मचा दी है, जो पार्टी के भीतर भारी असहमति का संकेत है।

क्या था विवाद?

गुना नगर पालिका परिषद की हाल ही में हुई बैठक में नामांतरण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान तीखी झड़प और हंगामा हुआ। बैठक में बीजेपी के कुछ पार्षदों ने आरोप लगाया कि नगर पालिका अध्यक्ष के पति अरविन्द गुप्ता ने परिषद के अंदर जोर-जबरदस्ती से पार्षदों से हस्ताक्षर करवाए। इस घटना के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुए, जिसने पार्टी के अंदर विवाद को और गहरा कर दिया। खास बात ये रही कि इस घटना में कुछ महिला पार्षदों के पति और ससुर भी शामिल थे, जो अरविन्द गुप्ता के साथ मिलकर हस्ताक्षर करवाने में लगे हुए थे।

पार्षदों का जवाब और बीजेपी संगठन का कदम

बीजेपी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और पार्टी के छह पार्षदों को नोटिस जारी किया। इन पार्षदों ने जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सिकरवार को अपने-अपने जवाब भेजे हैं, जिसमें उन्होंने खुद को अनुशासन में रहते हुए अपनी बात रखने की बात कही है। पार्षदों ने यह भी स्पष्ट किया कि न तो उन्होंने एजेन्डे का विरोध किया है और न ही उनकी कोई ऐसी मंशा थी।

सिंधिया और मोदी के मार्ग का पालन

पार्षदों का कहना था कि नगर पालिका अध्यक्ष के पति का यह कृत्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बताए गए मार्ग के खिलाफ था, जो कि सच्चाई और ईमानदारी की ओर अग्रसर करता है। इसे उन्होंने अनुशासनहीनता की श्रेणी में रखा। इसके अलावा, पार्षदों ने नगर पालिका के सीएमओ तेजसिंह यादव पर भी आरोप लगाए कि वह पार्टी विशेष बनकर काम कर रहे हैं और एक पार्षद को मारने के लिए दौड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

अगली बैठक में क्या होगा?

इन पार्षदों ने यह भी आग्रह किया कि नगर पालिका अध्यक्ष को निर्देश दिया जाए कि उनकी अगली बैठक में उनके पति और ससुर की उपस्थिति पर रोक लगाई जाए, ताकि किसी प्रकार की अनुशासनहीनता की स्थिति न बने। बीजेपी के अंदर हो रही यह खींचतान पार्टी के लिए एक चुनौती बन गई है, और देखने वाली बात होगी कि संगठन इस विवाद को किस प्रकार सुलझाता है।