Ujjain News : बीते 18 अगस्त को महाकाल की राजसी सवारी के दौरान रात करीब 8 बजे से सोशल मीडिया पर बाबा महाकालेश्वर ज्योतिंर्लिंग का भांग का श्रृंगार गिरने का एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।
महाकाल के भांग के श्रृंगार को लेकर बवाल अब बढ़ता ही जा रहा है। हालाकि उस वक्त जब शिवलिंग से भांग निची गिरी, तब तत्काल वहां मौजूद पंडे और पुजारियों ने श्रृंगार ठीक कर दिया था। लेकिन ये घटना विवादो में आ गई और मंंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने श्रृंगार करने वाले मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरू को नोटिस थमा दिया और कहा कि तय मात्रा से अधिक भांग उपयोग करने पर जवाब तलब किया।
इसके जवाब में प्रदीप गुरू ने कहा कि – बारिश के कारण गर्भगृह में नमी हो रही थी। शिवलिंग पर पंचामृत के कारण नमी थी, जिसके चलते भांग शिवलिंग पर टिकी नहीं और चिकनाई होने के कारण भांग गिर गई। हमने समिति द्वारा तय मात्रा में ही भांग लगाई गई थी। वहीं प्रशासक प्रथम कौशिक ने कहा कि – अब भांग इलेक्ट्रॉनिक कांटे पर तोल कर दी जाएगी। आपको बता दें कि प्रतिदिन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर 3 किलो भांग से श्रृंगार किया जाने का नियम है।
लेकिन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग से भांग का श्रृंगार गिरने का मामला थम ही नहीं रहा है। उज्जैन के विद्वत परिषद के अध्यक्ष और पूर्व कमिश्नर मोहन गुप्ता ने महाकाल का भांग से श्रृंगार तत्काल बंद करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि – किसी भी शास्त्र में भांग से श्रृंगार करने का कोई उल्लेख नहीं है। इससे शिवलिंग का क्षरण हो रहा है और पुजारी पैसा कमाने के लिए बड़ी मात्रा में भांग शिवलिंग पर चढ़ाते है।
इस पर पुजारियों ने कहा कि – हर चीज वेद और पुराण में नहीं मिलेगी। पुजारियों को व्यवसाय करने की जरूरत नहीं है। न्यायालय की गाइडलाइन के अनुसार ही भांग अर्पित की जाती है। ये एक सामान्य और प्राकृतिक घटना है। साल 1978 के पहले से महाकाल को भांग चढ़ रही है।