स्कीम नं. 71 के रहवासियों द्वारा क्षेत्र में खोली गई शराब की दुकान के खिलाफ लगातार सातवें दिन धरना-प्रदर्शन जारी रहा। आज जनसुनवाई में बड़ी संख्या में महिलाएं और स्थानीय नागरिक उपस्थित हुए और अपनी आपत्ति दर्ज कराई। आबकारी विभाग को सौंपे गए शिकायत में रहवासियों ने आरोप लगाया कि यह दुकान न केवल आबकारी नियमों का उल्लंघन कर निर्धारित परिसीमन क्षेत्र के बाहर खोली गई है, बल्कि इससे क्षेत्र में असामाजिक गतिविधियाँ भी बढ़ गई हैं।
रहवासियों का कहना है कि दुकान खुलने के बाद से महिलाओं के लिए सड़क पर निकलना मुश्किल हो गया है। क्षेत्र में भय का माहौल व्याप्त है। मातृशक्ति ने जनसुनवाई में स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि यदि दुकान को शीघ्र नहीं हटाया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
आज धरना स्थल पर सुंदरकांड का पाठ भी आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं। यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक माध्यम से शांति बनाए रखने की रहवासी संघ की पहल का हिस्सा था, लेकिन इसके पीछे चिंता गहरी है—क्षेत्र में चोरी, डकैती और अपहरण जैसी वारदातें होने की आशंका अब खुलकर सामने आने लगी है।
रहवासी संघ ने मांग की है कि जनसुनवाई के माध्यम से प्राप्त इस स्पष्ट विरोध को प्रशासन गंभीरता से ले और शीघ्र अति शीघ्र दुकान को हटाने की प्रक्रिया शुरू करे। यदि जल्द कार्यवाही नहीं हुई, तो रहवासी उग्र आंदोलन करने को विवश होंगे।
जनता की आवाज अब प्रशासनिक गलियारों में गूंज रही है — अब देखना यह है कि जिम्मेदार अधिकारी इस आवाज को कब तक अनसुना करते हैं।