मुश्किलों को पार करने में ही है.…जीत का असली मजा

मुझे गर्व है, कि मैं इंदौर की बेटी हूं। वर्ष 2012 में स्कूलिंग के दौरान शुरू हुई एक्टिंग मॉडलिंग की यात्रा ने मुझे मुंबई तक पहुंचा दिया। पिछले 12 वर्षों में मॉडलिंग से टीवी, फिल्में और अब वेबसरीज तक काम किया। इस दौरान ऐसा समय भी आया जब मुश्किलें भी आई। मुश्किलों और परेशानियों के बाद मिली जीत का एहसास ही अलग होता है। इन अनुभवों को शेयर किया अभिनेत्री कीर्ति चौधरी ने।

कीर्ति ने बताया कि कोविड काल में काम नहीं था। इसके बाद भी एक समय ऐसा था जब 10 से 12 घंटे ऑडिशन देती रही। ऐसे समय में मैंने खुद पर काम किया। इंसान को कभी खाली नहीं बैठना चाहिए। खुद को किसी न किसी काम में व्यस्त रखना चाहिए। मुझे ऐसा लगता है, जो मिल रहा है, उसे इंजॉय करना चाहिए। निराश होना या हार मान लेना मेरी आदत नहीं है।

करेक्टर स्ट्रांग होना जरूरी

टीवी शो में निगेटिव किरदारों को लेकर उन्होंने कहा कि मेरे व्यक्तित्व पर नेगेटिव किरदार शूट करते है। मैंने जब कई बार ऑडिशन के दौरान कास्टिंग डायरेक्टर से पूछा तो उन्होंने कहा आपका रंग और बॉडी लैंग्वेज नेगेटिव किरदारों के लिए बेस्ट है। हालांकि हमारी बहू सिल्क से नागिन तक मैंने नेगेटिव ही प्ले किए अब मजा आने लगा है।

खुश रहना है, तो खाली मत बैठो

हमेशा पॉजिटिव और खुश रहने के लिए उन्होंने बताया, कि जरूरी नहीं कि हमेशा आपके पास काम हो। जब काम न मिले तो खुद को बेहतर बनाने के लिए काम करो। नॉलेज की कमी नहीं है, यूट्यूब पर एक क्लिक पर हर एक इनफॉर्मेशन है। अच्छा पढ़े, सीखे और खुश रहे।