मध्यप्रदेश में वन्य जीवन संरक्षण की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया जा रहा है। रविवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंदसौर जिले के गाँधी सागर अभयारण्य में दो चीतों को आज़ाद करेंगे, जो प्रदेश के लिए गौरव और रोमांच का पल होगा। यह पहल “चीता प्रोजेक्ट” के तहत की जा रही है — एक महत्वाकांक्षी योजना जिसका उद्देश्य भारत में चीतों की संख्या में इजाफा करना और इस विलुप्तप्राय प्रजाति को दोबारा जीवित करना है।
गाँधी सागर अब प्रदेश का दूसरा ऐसा अभयारण्य बन गया है जहाँ चीतों को पुनः बसाया जा रहा है। इससे पहले श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में 26 चीतों को बसाया जा चुका है। योजना के तहत दक्षिण अफ्रीका, केन्या और बोत्सवाना जैसे देशों से और भी चीते लाए जा रहे हैं — खासकर बोत्सवाना से आने वाले 8 और चीतों की तैयारी ज़ोरों पर है।
गाँधी सागर अभयारण्य, जो कि मंदसौर और नीमच जिलों में फैला है, अपने घने जंगल, विविध वनस्पति और समृद्ध जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ सलाई, करधई, धौड़ा, तेंदू और पलाश जैसे दुर्लभ पेड़ पाए जाते हैं। यह इलाका विश्व प्रसिद्ध चतुर्भुज नाला का हिस्सा भी है, जो इसे और अधिक रहस्यमयी और रोमांचक बनाता है।अब जब चीते एक बार फिर इस धरती पर दौड़ेंगे, तो यह केवल वन्य जीवन के लिए ही नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए एक गौरवशाली क्षण होगा। जंगल फिर से जीवंत होंगे, और प्रकृति की धड़कनें तेज़ हो जाएँगी।