मॉनसून सत्र में जारी घमासान, राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर 16 घंटे की चर्चा तय, विपक्ष का विरोध थमा नहीं

संसद का मॉनसून सत्र बुधवार को लगातार तीसरे दिन भी भारी हंगामे और विरोध प्रदर्शन के कारण प्रभावित होता रहा। कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों के सांसदों ने महंगाई, बेरोजगारी, राष्ट्रपति चुनाव और अन्य ज्वलंत मुद्दों पर सरकार को घेरते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में शोरगुल के चलते कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी।

राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर 16 घंटे की लंबी चर्चा का निर्णय

राज्यसभा में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अब विस्तृत चर्चा होगी। पहले इस विषय पर 9 घंटे चर्चा का प्रस्ताव था, लेकिन विपक्ष और सरकार के बीच सहमति बनने के बाद अब यह अवधि बढ़ाकर 16 घंटे कर दी गई है। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इतना ही नहीं, लोकसभा में भी इसी मुद्दे पर 16 घंटे चर्चा का समय तय किया गया है, जिससे इस बहस की राजनीतिक और सामरिक गंभीरता उजागर होती है।

लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही बार-बार स्थगित

मॉनसून सत्र के तीसरे दिन जब संसद की कार्यवाही शुरू हुई, तभी से विपक्षी सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। लोकसभा में सांसद वेल में उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे, वहीं राज्यसभा की कार्यवाही सुबह मात्र दो मिनट में ही बाधित होकर दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह 11:23 बजे तक दोनों सदनों की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया, लेकिन 12:02 बजे फिर से शुरू होने पर कुछ ही देर में राज्यसभा फिर बाधित हो गई।

बारिश के बीच संसद परिसर में विपक्ष का धरना प्रदर्शन

भारी बारिश के बावजूद विपक्षी सांसद संसद परिसर में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते रहे। महंगाई, बेरोजगारी और हाल ही में हुए राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को घेर रहा है। कई विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने सरकार की नीतियों को विफल बताते हुए सीधे आरोप लगाए।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से सदन में हलचल

राज्यसभा में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को दिए गए इस्तीफे की गूंज भी सुनाई दी। उनके अचानक इस्तीफे से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और राज्यसभा की कार्यवाही फिलहाल उपसभापति हरिवंश द्वारा संचालित की जा रही है। उनके इस्तीफे के बाद अब उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, जिससे संसद में माहौल और भी गरमाया हुआ है।

लोकसभा में दो महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए गए

संसदीय गतिरोध के बावजूद केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में दो अहम विधेयक पेश किए। पहला ‘नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल 2025’ है, जो देश में खेलों के प्रशासन में सुधार लाने के लिए लाया गया है। दूसरा ‘नेशनल एंटी डोपिंग (संशोधन) बिल 2025’ है, जो खेलों में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाया गया है। दोनों विधेयक विपक्ष के विरोध के बीच चर्चा और पारित होने की प्रक्रिया के लिए पेश किए गए।

मॉनसून सत्र का तीसरा दिन भी गतिरोध और विरोध के बीच बीता, लेकिन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विस्तृत चर्चा के लिए 16 घंटे का समय तय होना संसद में एक बड़ा और सकारात्मक निर्णय माना जा रहा है। अब देशभर की निगाहें इस पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में इस बहस में कौन-कौन से अहम तथ्य सामने आते हैं और किस प्रकार की राजनीतिक बयानबाजियाँ देखने को मिलती हैं।