मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड से एक बड़ी खबर सामने आई है कि छतरपुर जिले की बकस्वाहा तहसील के सूरजपुरा गांव की धरती के नीचे एक खजाना दबा है। यह खजाना है एक ऐसी अमुल्य खनिज है जो कई आवश्यक वस्तुओं के निर्माण में काम आता है। वो अमुल्य खनिज है फास्फोराइट (Phosphorite) के विशाल भंडार । जिसकी जानकारी मिलने के बाद अब केंद्र सरकार ने इसके खनन के लिए लीज की मंजूरी भी दे दी है। खनिज की इस खोज ने न सिर्फ उद्योगों को नई ऊर्जा दी है, बल्कि बुंदेलखंड की आर्थिक स्थिति बदलने का भी संदेश दे दिया है।
खनन प्रक्रिया जल्द होगी शुरू
अब से कुछ ही सालों में जब सनफ्लैग आयरन एंड स्टील कंपनी खनन प्रक्रिया शुरू करेगी, तो हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। कंपनी को अगले तीन सालों में खनन की प्रक्रिया शुरू करनी है। वहीं, कृषि, पशुपालन, रसायन, डिटर्जेंट, सिरेमिक, उर्वरक और प्लास्टिक जैसे कई उद्योगों में इस खनिज की जरूरत पूरी की जा सकेगी।
फास्फोराइट है धरती का अनमोल रत्न
फास्फोराइट एक अवसादी चट्टान है, जो फास्फोरस का प्रमुख स्रोत होती है। इसका उपयोग उर्वरकों के निर्माण में बड़े पैमाने पर होता है, जिससे देश की कृषि व्यवस्था को सीधा लाभ होगा। खनिज विभाग के डिप्टी डायरेक्टर अमित मिश्रा ने बताया कि यह खोज भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के दौरान सूरजपुरा, पल्दा, सगौरिया और गरदौनियां जैसे इलाकों में की गई थी। यहां 1070 हेक्टेयर क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाला फास्फोराइट मौजूद है, जबकि सागर जिले में भी 320 हेक्टेयर में इसके भंडार की पुष्टि हो चुकी है।
अब बारी खनन योजना की
खनन से पहले कंपनी को औपचारिक अनुमति लेनी होगी। उसके बाद विस्तृत योजना बनेगी, जिसमें तकनीकी प्रक्रिया, नियुक्तियां, अपशिष्ट प्रबंधन, परिवहन और सुरक्षा जैसे सभी पहलुओं को शामिल किया जाएगा। बुंदेलखंड की यह उपलब्धि पुरे प्रदेश को नई दिशा देंगी।