उत्तराखंड के जोशीगांव के एक मकान से महिला और उसके तीन बच्चों के शव मिले। इस घटना से पुरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। इन बच्चो में एक 5-6 महीने का बच्चा भी है। जांच के दौरान पुलिस जब घर के अंदर पहुंची तो शव सड़ी-गली अवस्था में थे।
जिसने भी इस घटना के बारे में सुना या देखा वह हैरान रह गए। पूछताछ में लोगो ने बताया की कुछ दिन पहले घटनास्थल के आसपास से बच्चे के रोने की आवाज सुनी। इसके पीछे अंदेशा जताया जा रहा है कि मृतक बच्चा भाष्कर तब शायद जिंदा हो लेकिन लोग बच्चे के रोने का सटीक अनुमान नहीं लगा सके। लोगों ने इसे मन का भ्रम मानकर गंभीरता से नहीं लिया।
यहाँ घटना होली के आसपास की मानी जा रही है क्योकि होली के बाद से ही गांव के किसी भी व्यक्ति ने महिला और उसके बच्चो को नहीं देखा। सीओ अंकित कंडारी का कहना है कि घटना होली के बाद की हो सकती है। मामले की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा। जोशीगांव निवासी गोविंद सिंह बिष्ट का मकान गांव के अन्य मकानों से हटकर था। दो साल पहले यह मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया था।
गोविंद सिंह के परिवार ने यह मकान छोड़ दिया था। करीब दो साल से इस मकान में भूपाल राम अपने परिवार सहित रहने लगा। गांव के अन्य मकानों से करीब सौ मीटर की दूरी पर होने से इस मकान की ओर गांव के लोगों का आना जाना काम था. गुरुवार के दिन गांव के कुछ लोग इस मकान के पास से गुजरे तो उनको बदबू महसूस हुई। इसकी चर्चा गांव में हुई तो ग्रामीण मौके पर पहुंचे। घर के दोनों दरवाजे भीतर से बंद थे।
कमरों से बदबू आ रही थी। इसके बाद लोगों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी और जब पुलिस पहुंची तो घर से माँ, तीन बच्चों समेत चार शव बरामद किये। पुलिस ने पूछताछ की तो मालूम हुआ की घर के भीतर भूपाल राम की पत्नी नीमा देवी (40), पुत्री अंजलि (14), पुत्र कृष्णा (8), पुत्र भाष्कर (5-6 माह) के शव होने की जानकारी मिली हैं.