मध्य प्रदेश में अब मानसून धीरे-धीरे अलविदा कहने की तैयारी में है। प्रदेश के मौसम को प्रभावित करने वाली कोई बड़ी प्रणाली फिलहाल सक्रिय नहीं है। इसी वजह से बीते कुछ दिनों से बारिश की गतिविधियां लगभग रुक गई हैं। आसमान साफ हो रहा है और दिन में धूप का प्रभाव बढ़ गया है। वहीं, हवाओं की दिशा में बदलाव से रातें ठंडी महसूस होने लगी हैं। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अगले दो दिनों में राज्य के कई हिस्सों से मानसून की वापसी की आधिकारिक घोषणा हो सकती है।
पूर्वी जिलों में अब भी हल्की बूंदाबांदी के आसार
हालांकि, पूरी तरह से बारिश बंद नहीं हुई है। गुरुवार को रीवा, शहडोल और जबलपुर संभाग के कुछ इलाकों में हल्की फुहारें या बूंदाबांदी देखने को मिल सकती है। बुधवार को प्रदेश में सबसे अधिक तापमान सतना में दर्ज हुआ, जो 33.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं, ठंडी हवाओं के असर से 10 शहरों का न्यूनतम तापमान 20 डिग्री से नीचे चला गया। इंदौर और राजगढ़ में सबसे ठंडी रात रही, जहां तापमान 17.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
इन 17 जिलों में आज भी रह सकता है बारिश का असर
मौसम विभाग ने बताया है कि आज प्रदेश के 17 जिलों — जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, मऊगंज, मैहर, अनूपपुर, शहडोल और उमरिया — में हल्की बारिश या बूंदाबांदी की संभावना बनी हुई है। हालांकि यह बारिश केवल स्थानीय स्तर की होगी और ज्यादा प्रभावशाली नहीं रहेगी।
अरब सागर में सक्रिय कम दबाव का क्षेत्र
मौसम विज्ञान केंद्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अरब सागर में बना चक्रवाती तूफान अब गहरे कम दबाव के क्षेत्र के रूप में पश्चिम-मध्य अरब सागर में सक्रिय है। यह प्रणाली धीरे-धीरे कमजोर पड़ रही है और अनुमान है कि गुरुवार तक इसका प्रभाव और कम हो जाएगा। वहीं, एक पश्चिमी विक्षोभ हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में पूर्वी हरियाणा और उसके आसपास सक्रिय है, लेकिन इसका असर मध्य प्रदेश तक नहीं पहुंचेगा।
10 अक्टूबर के आसपास मानसून विदाई की संभावना
मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि मानसून की विदाई के स्पष्ट संकेत दिखने लगे हैं। उत्तर भारत के पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो चुकी है और हवाएं अब उत्तरी दिशा से चल रही हैं। इसके कारण प्रदेश में रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। अनुमान है कि 10 अक्टूबर के आसपास राज्य के कई शहरों से मानसून की विदाई हो जाएगी। हालांकि, छत्तीसगढ़ से सटे पूर्वी जिलों में गुरुवार को कहीं-कहीं हल्की फुहारें संभव हैं, लेकिन इसके बाद पूरे प्रदेश में शुष्क मौसम का दौर शुरू होगा।