दुनियाभर को भा रहे प्रदेश के कपड़े और दवाइयां, धार जिले ने निर्यात में मारी बाजी

मध्यप्रदेश के कपड़े और दवाइयां दुनियाभर के लोगों को भा रहे हैं। इन दोनों सेक्टर के दम पर प्रदेश से निर्यात रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसी के चलते मध्यप्रदेश ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 66218 करोड़ रुपए का निर्यात किया जोकि अब तक का सबसे ज्यादा है। प्रदेश के निर्यात में यह बढ़ोतरी फार्मास्यूटिकल, गारमेंट, इंजीनियरिंग गुड्स और सोया उत्पादों की डिमांड बढ़ने के फलस्वरूप हुई है। जिसमें इंदौर जिले को पछाड़ते हुए प्रदेश का धार जिला निर्यात में अव्वल रहा जहां से मुख्य रूप से गारमेंट और टेक्सटाइल का निर्यात किया गया।

एमपी की रेकिंग 11 पर पहुंची
रिपोर्ट के अनुसार फार्मास्यूटिकल, गारमेंट, इंजीनियरिंग गुड्स और सोया आधारित कृषि उत्पाद मिलाकर मध्यप्रदेश ने विश्व बाजार के प्रतिमानों के अनुसार निर्यात रैंकिंग में बढ़ोतरी की है। इन क्षेत्रों में आर्थिक विकास बढ़ने के कारण राष्ट्रीय स्तर पर निर्यात में मध्यप्रदेश की रैंकिंग 15 से 11 हो गई है। फेडेरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार मर्केंडाइज एक्सपोर्ट में एमपी का योगदान 66218 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। स्पेशल इकोनामिक जोन में सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों ने राज्य के एक्सपोर्ट पोर्टफोलियो में 4038 करोड़ रुपए का योगदान दिया है।

प्रदेश का धार जिला निर्यात में रहा प्रथम
देश के कुल निर्यात में भी मध्यप्रदेश का योगदान बढ़ गया है। पिछले साल तक फार्मास्यूटिकल, एनिमल फीड, मशीनरी, एल्यूमिनियम और टेक्सटाइल प्रथम पांच निर्यात सेक्टरों में शामिल थे। एमपी से वर्ष 2024-25 में सबसे ज्यादा 11968 करोड़ रुपए के फार्मास्यूटिकल्स, 6062 रुपए के एनिमल फीड का निर्यात हुआ। प्रदेश का धार जिला निर्यात में प्रथम रहा। यहां से मुख्य रूप से गारमेंट और टेक्सटाइल का निर्यात हुआ। धार से 17830 करोड़ रुपए का निर्यात हुआ। इंदौर जिला से 13500 करोड़ का निर्यात हुआ। यहां से फार्मास्यूटिकल, ऑटोमेटिक और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से निर्यात हुआ। उज्जैन से भी 2288 करोड़ रुपए का इंडस्ट्रियल, कृषि आधारित उत्पाद और खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद आदि का निर्यात हुआ ।