इन देशों में नहीं देना पड़ता कोई टैक्स! फिर कैसे चलती है इनकी अर्थव्यवस्था?

Tax Free Countries : हर देश की अर्थव्यवस्था को चलाने के लिए सरकार को पैसों की जरूरत होती है और यही जरूरत टैक्स के जरिए पूरी होती है। टैक्स न केवल सरकार की आमदनी का प्रमुख स्रोत होता है, बल्कि इसके माध्यम से देश में विकास कार्यों की नींव रखी जाती है। आमतौर पर सरकारें दो तरह के टैक्स वसूलती हैं – प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) जैसे इनकम टैक्स और अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) जैसे जीएसटी।

भारत में आय के आधार पर टैक्स की दरें तय होती हैं, और हर नागरिक को अपनी आमदनी के अनुसार टैक्स देना होता है। लेकिन इस दुनिया में कुछ ऐसे देश भी हैं, जहां के नागरिकों को अपनी कमाई में से सरकार को एक रुपया भी नहीं देना पड़ता।

टैक्स के बिना कैसे चलती है सरकार?

यह सवाल लाजमी है कि अगर किसी देश में टैक्स नहीं वसूला जाता तो वहां की सरकार अपना खर्च कैसे चलाती है? जवाब है – वैकल्पिक आय स्रोत। कुछ देश प्राकृतिक संसाधनों, खासकर तेल और गैस, से इतनी अधिक कमाई कर लेते हैं कि उन्हें टैक्स लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। इसके अलावा टूरिज्म और फाइनेंशियल सेक्टर भी ऐसे देशों की अर्थव्यवस्था का मजबूत स्तंभ होते हैं।

यूएई

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) दुनिया के उन गिने-चुने देशों में से एक है, जहां लोगों को अपनी आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। यहां की सरकार का मुख्य राजस्व स्रोत तेल और पर्यटन है। अबू धाबी और दुबई जैसे शहर न केवल तेल के भंडारों के लिए मशहूर हैं, बल्कि ये दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित भी करते हैं। तेल निर्यात और अंतरराष्ट्रीय निवेश से यहां की सरकार को इतनी आमदनी होती है कि नागरिकों पर टैक्स लगाने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती।

कुवैत

कुवैत भी एक ऐसा देश है जहां नागरिकों को आय पर टैक्स देने की जरूरत नहीं होती। यह देश दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक और निर्यातक देशों में शामिल है। सरकार की अधिकांश आय कच्चे तेल की बिक्री से होती है। यही वजह है कि यहां की सरकार अपने नागरिकों को टैक्स के बोझ से मुक्त रखती है और कई सार्वजनिक सेवाएं भी मुफ्त में प्रदान करती है।

बहरीन

बहरीन भी टैक्स-फ्री देशों की सूची में आता है। यहां सरकार को आय का बड़ा हिस्सा तेल निर्यात से प्राप्त होता है। इसके अलावा, फाइनेंशियल सर्विसेज और एक मजबूत बैंकिंग सिस्टम भी यहां की अर्थव्यवस्था को मजबूती देते हैं। बहरीन ने अपनी अर्थव्यवस्था को काफी हद तक विविध बनाया है, जिससे इसकी वित्तीय स्थिति संतुलित बनी रहती है।

सऊदी अरब

सऊदी अरब में आमदनी पर कोई प्रत्यक्ष कर नहीं लगाया जाता, लेकिन यहां पर अप्रत्यक्ष कर जैसे VAT (वैल्यू एडेड टैक्स) लागू हैं। इस देश की अर्थव्यवस्था भी मुख्य रूप से तेल पर निर्भर है और सरकार को पेट्रोलियम उत्पादों से ही अधिकतर आमदनी होती है।

ब्रुनेई

ब्रुनेई एक छोटा लेकिन समृद्ध देश है, जहां प्रत्यक्ष कर का कोई प्रावधान नहीं है। यहां की सरकार की आमदनी का बड़ा हिस्सा प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम से आता है। ब्रुनेई की सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सेवाएं मुफ्त प्रदान करती है, जिससे यहां जीवनस्तर काफी ऊंचा है।

अन्य टैक्स-फ्री देश: बहामास, कतर, ओमान और मोनाको

  • बहामास की अर्थव्यवस्था मुख्यतः पर्यटन और फाइनेंशियल सर्विसेज पर आधारित है। यहां आमदनी पर टैक्स नहीं है, लेकिन कुछ अप्रत्यक्ष कर लागू हैं।
  • कतर और ओमान में भी नागरिकों से आयकर नहीं लिया जाता। तेल और गैस इन देशों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।
  • मोनाको यूरोप का एक छोटा लेकिन बेहद अमीर देश है, जहां इनकम टैक्स नहीं है। यह देश अमीर लोगों का टैक्स हेवन माना जाता है।