Sovereign Gold Bond पर लग सकता है ब्रेक…सस्ता सोना खरीदना होगा मुश्किल!

Sovereign Gold Bond : केंद्र सरकार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) जारी करने को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय पर विचार कर रही है। वित्त मंत्रालय आगामी वित्त वर्ष 2025-26 से SGB जारी न करने की योजना बना रहा है। इस फैसले के पीछे सरकार का उद्देश्य अपने कर्ज को कम करना है। SGB निवेशकों को परिपक्वता पर सोने के बराबर भुगतान करना होता है, जिससे सरकार की देनदारी बढ़ सकती है। साथ ही, इन बॉन्ड्स पर ब्याज का नियमित भुगतान भी सरकार पर वित्तीय दबाव डालता है।

सोने के आयात को कम करने का उद्देश्य

SGB योजना का मुख्य उद्देश्य भारत में सोने के आयात को कम करना था, जो अब लगभग पूरा हो चुका है। पहले सरकार ने इस योजना को इस उद्देश्य से शुरू किया था, लेकिन अब चूंकि सोने के आयात में कमी आ चुकी है, इसके जारी रखने की आवश्यकता खत्म हो गई है। साथ ही, सरकार ने वित्त वर्ष 2027 से ऋण-से-जीडीपी अनुपात को घटाने का निर्णय लिया है, जिससे इसे जारी करना अनावश्यक लगता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले कहा था कि सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 तक कर्ज को जीडीपी के 4.5% से नीचे लाना है। उन्होंने जुलाई 2024 में अपने बजट भाषण में कहा था कि 2026-27 तक सरकार का लक्ष्य कर्ज को लगातार घटाना रहेगा। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025 के बजट में सरकार ने एसजीबी जारी न करने के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो पहले के बजट 126,852 करोड़ रुपये से कम है।

SGB (सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड) क्या है?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए जाते हैं, जिनमें निवेशक सोने में निवेश करते हैं। इन बॉन्ड्स की अवधि 8 वर्ष होती है, और इसमें 5 वर्ष का लॉक-इन पीरियड होता है। लॉक-इन अवधि के समाप्त होने के बाद, निवेशक ब्याज भुगतान की तिथि पर रकम निकाल सकते हैं। यह योजना निवेशकों को सोने के मूल्य में वृद्धि का लाभ देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी, और इसमें सरकार की ओर से ब्याज भी प्रदान किया जाता है।

वित्तीय बोझ और सरकार की योजना

एसजीबी योजना के चलते सरकार को परिपक्वता पर सोने के बराबर भुगतान करना पड़ता है, जिसके कारण सरकार की देनदारी बढ़ सकती है। इसके साथ ही, नियमित ब्याज भुगतान की वजह से वित्तीय बोझ भी बढ़ता है, जो कर्ज कम करने की योजना के विपरीत है। इसलिए, सरकार अब एसजीबी जारी न करने पर विचार कर रही है।