हर 12 साल बाद उज्जैन नगरी में सिहस्थ का आगाज होता है। सिहस्थ की तैयारियों के लिए जहां एक और करोड़ो रुपए खर्च किए जाते है। वहीं सिहस्थ में पुरे देश- विदेश से लाखों श्रद्धालू भी यहां पहुंचते है। मध्यप्रदेश सरकार ने सिहस्थ 2028 के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। वहीं जितना बजट एमपी सरकार ने जारी किया है उससे गुना अधिक बजट की आवश्यकता महसूस की जा रही है। जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से बजट जारी करने के साथ ही हर कार्य का प्रोजेक्ट केन्द्र स्तर पर तैयार करने के निर्देश दिए ।
15 हजार करोड़ से अधिक के बन गए प्रस्ताव
सिंहस्थ-2028 की तैयारी में राज्य सरकार ने पांच सौ करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया है। लेकिन सिंहस्थ के कार्यों में इससे कई गुना अधिक खर्च होगा। 18 विभागों ने सिहस्थ में 568 कार्यों के प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजे है। जितने प्रस्ताव बने है उन कार्यों में 15,567 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इतनी अधिक राशी खर्च करना प्रदेश सरकार की सामर्थ्य से बाहर है। जिसकों लेकर राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार को इसमें शामिल करने का निर्णय लिया है। वहीं अधिकत्तर प्रस्ताव लंबें समय और केन्द्र से जुड़े हुए तैयार किए गए है। केंद्र से सहायता प्राप्त करने के लिए कार्यों का प्रस्ताव बनाकर भारत सरकार को भेजने के निर्देश पर अधिकारियों ने प्रस्ताव केन्द्र को भेज दिए थे।
केन्द्र ने 5 हजार 882 करोड़ की राशी जारी की
केन्द्र सरकार ने सिहस्थ को अदभूत बनाने के लिए सिंहस्थ-2028 से जुड़ें 19 कार्य को पहल देते हुए 5,882 करोड़ रुपये का बजट जारी करने का निर्णय लेते हुए स्वीकृति दी है। इन प्रस्तावों में जल संसाधन, नगरीय प्रशासन के साथ ही लोक निर्माण और संस्कृति, पुरातत्व विभागों के प्रस्तावों को प्राथमिकता देते हुए राशी जारी करने की स्वीकृति दी।
यातायात और भीड़ नियंत्रण पर विशेष ध्यान
सिहस्थ 2028 में लगभग 15 करोड़ श्रद्धालूओं के आने का अनुमान लगाया गया है। जिसकों लेकर राज्य और केन्द्र सरकार ने भीड़ नियंत्रण और यातायात के लिए विशेष ध्यान रख कर प्रस्ताव बनाने की बात कही गई है। बताया जा रहा है कि उज्जैन में एक कुशल यातायात प्रणाली भी बनाई जाएगी।