उज्जैन में श्रावण माह में इस वर्ष महाकाल की सवारी की हाईटेक सुरक्षा की जाएंगी। जिसके चलते सवारी मार्ग की निगरानी पीटीजेड कैमरों से की जाएगी। करीब पांच किलोमीटर लंबे सवारी मार्ग पर 54 स्थानों पर पीटीजेड और फिक्स कैमरे लगाए जाएंगे। पुलिस, प्रशासन के आला अधिकारी दो अत्याधुनिक कंट्रोल रूम में बैठकर इन कैमरों से चप्पे-चप्पे पर नजर रखेंगे।
54 स्थानों पर लगेंगे पीटीजेड
श्रावण-भाद्रपद मास में निकलने वाले भगवान महाकाल की सवारी पर पीटीजेड (पैन, टिल्ट और जूम) कैमरों से निगरानी की जाएगी। इसके लिए महाकाल सवारी मार्ग के करीब पांच किलोमीटर लंबे मार्ग पर 54 स्थानों पर पीटीजेड और फिक्स कैमरे लगाए जाएंगे। जिससे पुलिस चप्पे- चप्पे पर नजर रखेगी। पुलिस, प्रशासन के आला अधिकारी दो अत्याधुनिक कंट्रोल रूम में बैठकर इन कैमरों से चप्पे-चप्पे पर नजर रखेंगे।
रिमोट से चलेगे कैमरे
मंदिर समिति महाकाल सवारी मार्ग पर महाकाल घाटी, गुदरी चौराहा, बद्रीनारायण मंदिर, हरसिद्धि पाल, रामानुजकोट, शिप्रा के पालकी स्थल, सत्यनारायण मंदिर सहित करीब 19 स्थानों पर पीटीजेड कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा 35 स्थानों पर फिक्स कैमरे लगाए जाएंगे। पीटीजेड कैमरों को पैन, टिल्ट एवं जूम कैमरे कहा जाता है, यह ऐसे कैमरे होते हैं जिन्हें रिमोट से ऊपर नीचे, दाएं बाएं घुमाया जा सकता है।
एक कैमरे से कवर होगा लंबा एरिया
महाकाल सवारी मार्ग में किसी भी प्रकार की घटना या दुर्घटना के समय कैमरे का जूम कर किसी भी व्यक्ति तथा स्थान का पता लगाया जा सकता है। इन कैमरों का उपयोग आमतौर पर निगरानी और लाइव स्ट्रीमिंग जैसे कार्यों के लिए किया जाता है। इन कैमरों का उपयोग जुलूस, जलसे तथा प्रदर्शन आदि पर निगरानी के लिए किया जाता है। कोई भी व्यक्ति इनकी निगरानी से बच नहीं सकता है।
इसका अर्थ है कि एक ही कैमरे से व्यापक क्षेत्र को कवर किया जा सकता है और दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। दुर्घटना के समय कैमरे का जूम कर किसी भी व्यक्ति तथा स्थान का पता लगाया जा सकता है। इन कैमरों का उपयोग आमतौर पर निगरानी और लाइव स्ट्रीमिंग जैसे कार्यों के लिए किया जाता है। इन कैमरों का उपयोग जुलूस, जलसे तथा प्रदर्शन आदि पर निगरानी के लिए किया जाता है। कोई भी व्यक्ति इनकी निगरानी से बच नहीं सकता है। इसका अर्थ है कि एक ही कैमरे से व्यापक क्षेत्र को कवर किया जा सकता है और दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
संदिग्धों की होगी धरपकड़
भगवान महाकाल की सवारी में भीड़ नियंत्रण व सुरक्षा व्यवस्था में इस बार 1200 से ज्यादा पुलिस जवान तैनात रहेंगे। मार्ग में सख्त बैरिकेडिंग भी की जाएगी। कोई भी बाहरी व्यक्ति सवारी के कारवां में शामिल नहीं हो सकेगा। लाइव कैमरों से नजर रखने के दौरान संदिग्ध व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा। भीड़ में स्नैचर व जेबकटों की गैंग सक्रिय रहती है। इस बार ऐसे लोगों पर भी नजर रखने के लिए प्लान तैयार किया गया है।
निर्धारित स्थानों पर ही रोकी जाए पालकी
उज्जैन में मंदिर प्रशासन को अब और कई मुद्दों पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भीड़ बढ़ने पर भी यहां की व्यवस्थाएं ना बिगड़े इसी के चलते मंदिर प्रशासन को पालकी को पूजा के लिए परंपरागत निर्धारित स्थानों पर ही रोकना चाहिए। पालकी व्यवस्था के प्रभारी अधिकारी को इसकी जानकारी होना चाहिए। जगह-जगह पालकी रोकने से सवारी के पुन: मंदिर पहुंचने में विलंब होता है और स्थिति भी बिगड़ती है।