संसद में आज होगा अहम सत्र, सरकार रखने जा रही तीन महत्वपूर्ण विधेयकों का प्रस्ताव

आज (बुधवार) सरकार संसद में तीन महत्वपूर्ण विधेयक लाने की तैयारी में है। इनमें केंद्र शासित प्रदेश की सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025, और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 शामिल हैं। इन विधेयकों को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सदन में पेश करेंगे और इसके साथ ही वे एक प्रस्ताव भी रखेंगे ताकि इन सभी विधेयकों को संसद की एक संयुक्त समिति (Joint Committee) के पास आगे की समीक्षा और रिपोर्ट के लिए भेजा जा सके।

क्यों लाया जा रहा है केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक?

इस विधेयक के उद्देश्यों और कारणों का जिक्र करते हुए बताया गया है कि केंद्र शासित प्रदेश अधिनियम, 1963 (1963 का अधिनियम संख्या 20) में वर्तमान समय तक ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है, जिसके अंतर्गत किसी मुख्यमंत्री या मंत्री को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी या न्यायिक हिरासत में जाने की स्थिति में तुरंत पद से हटाया जा सके।
इसी कमी को दूर करने के लिए सरकार अधिनियम की धारा 45 में संशोधन लाने जा रही है। नए प्रावधान के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अगर किसी मुख्यमंत्री या मंत्री के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हों और वह गिरफ्तारी या हिरासत में हो, तो उसे तुरंत पद से हटाया जा सके। इस संशोधन को सरकार शासन प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के एक बड़े कदम के रूप में पेश कर रही है।

संविधान (130वां संशोधन) विधेयक का उद्देश्य

दूसरा महत्वपूर्ण विधेयक संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 है। इसके पीछे सरकार का तर्क है कि मौजूदा संविधान में भी कोई स्पष्ट प्रावधान मौजूद नहीं है, जिसके तहत प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या किसी भी राज्य मंत्री को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी और हिरासत की स्थिति में हटाया जा सके। इसलिए सरकार संविधान के अनुच्छेद 75, अनुच्छेद 164 और अनुच्छेद 239AA में संशोधन करना चाहती है। प्रस्तावित संशोधन के अनुसार, यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री किसी ऐसे अपराध में आरोपित हो, जिसमें 5 साल या उससे अधिक की सजा हो सकती है, और उस व्यक्ति को लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रखा जाता है, तो उसे उसके पद से हटाना अनिवार्य होगा। यह प्रावधान राजनीति और प्रशासन दोनों में जवाबदेही और नैतिकता के स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास माना जा रहा है।

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025

तीसरा विधेयक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 है। हालांकि इस विधेयक से जुड़े विस्तृत प्रावधान अभी सामने नहीं आए हैं, लेकिन माना जा रहा है कि यह जम्मू-कश्मीर के प्रशासनिक ढांचे और शासन से संबंधित कुछ बदलावों को लेकर होगा। इस विधेयक के जरिए केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लिए बेहतर शासन प्रणाली और मजबूत प्रशासनिक प्रावधान लागू करने की दिशा में काम करना चाहती है।

बड़ा राजनीतिक और कानूनी कदम

कुल मिलाकर ये तीनों विधेयक ऐसे समय में संसद में लाए जा रहे हैं, जब लगातार यह सवाल उठते रहे हैं कि गंभीर आपराधिक मामलों में फंसे हुए नेताओं को कानून के तहत कब और कैसे पद से हटाया जा सकता है। अब यदि ये संशोधन पास हो जाते हैं, तो केंद्र और राज्यों दोनों स्तर पर किसी भी मंत्री, मुख्यमंत्री या यहां तक कि प्रधानमंत्री तक को, गंभीर आरोपों में 30 दिन से अधिक हिरासत में रहने पर, उनके पद से हटाया जा सकेगा। यह कदम एक ओर जहां राजनीतिक शुचिता (Political Cleanliness) की दिशा में बड़ा सुधार माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी दल इसे सत्ता पक्ष के लिए एक राजनीतिक हथियार के रूप में भी देख सकते हैं। आने वाले समय में इन विधेयकों पर संसद में गहन बहस और टकराव की पूरी संभावना है।