इंदौर के बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को हटाने के संबंध में, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नवंबर 2024 में घोषणा की थी कि इसे हटाया जाएगा, क्योंकि इससे लोगों को परेशानी हो रही है। इससे पहले, उच्च न्यायालय ने बीआरटीएस की उपयोगिता और व्यवहारिकता की जांच के लिए एक समिति गठित की थी, जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता अमित अग्रवाल भी शामिल थे।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद, अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (एआईसीटीएसएल) ने बीआरटीएस हटाने का प्रस्ताव जल्द ही अदालत में प्रस्तुत करने का निर्णय लिया। महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी पुष्टि की कि बीआरटीएस को हटाने की प्रक्रिया अदालत के निर्देशों पर निर्भर है, और अंतिम निर्णय उच्च न्यायालय की रिपोर्ट और आदेशों के बाद ही लिया जाएगा। इस निर्णय के बाद, बीआरटीएस को शहर से हटाया जाएगा, जिससे यातायात व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
जबलपुर उच्च न्यायालय ने इंदौर के बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम) को हटाने का आदेश दिया है। एडवोकेट अमित अग्रवाल द्वारा गठित समिति ने बीआरटीएस को हटाने की अनुशंसा की थी, जिसके बाद जबलपुर उच्च न्यायालय ने इस पर फैसला सुनाया। इस निर्णय के बाद अब बीआरटीएस को शहर से हटाया जाएगा, जिससे यातायात व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।