मध्यप्रदेश में इन दिनों मानसून एक बार फिर जोर पकड़ रहा है। प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में दो शक्तिशाली मौसम प्रणालियां सक्रिय हैं, जिनके कारण रुक-रुककर बारिश का दौर जारी है। मानसून की द्रोणिका (Monsoon Trough) भी प्रदेश से होकर गुजर रही है, जिसकी वजह से कई जिलों में बादल छाए हुए हैं और कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश देखने को मिल रही है। रविवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक उमरिया में 20 मिमी, खजुराहो में 14 मिमी, दतिया में 8 मिमी, सतना में 7 मिमी, जबकि नौगांव, पचमढ़ी और रीवा में 5 मिमी वर्षा दर्ज की गई। वहीं, ग्वालियर और सीधी में 4 मिमी बारिश हुई।
बीते 24 घंटे में भारी बारिश का असर
पिछले 24 घंटों के दौरान कई जिलों में झमाझम बारिश हुई, जिसने मौसम को और भी सुहावना बना दिया। रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक सीधी में 167.8 मिमी (करीब 6.5 इंच), सतना में 91.6 मिमी, शिवपुरी में 64 मिमी, दतिया में 51.2 मिमी, उमरिया में 44.4 मिमी, खजुराहो में 42.4 मिमी और मंडला में 41.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा नौगांव में 35.8, रीवा में 33.6, पचमढ़ी में 28.5, जबलपुर में 28.2, नर्मदापुरम में 27.6, ग्वालियर में 26.5, बैतूल में 20.4, खंडवा में 19, नरसिंहपुर में 18, जबकि श्योपुर, रतलाम और भोपाल में 14-14 मिमी बारिश दर्ज हुई। लगातार हो रही वर्षा ने नदियों-नालों के जलस्तर में भी वृद्धि कर दी है।
अगले 48 घंटों का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, सोमवार और मंगलवार को ग्वालियर, चंबल, सागर, उज्जैन और नर्मदापुरम संभाग में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की संभावना है। वहीं, भोपाल और इंदौर संभाग में हल्की बारिश के आसार बने हुए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, वर्तमान में पूर्वोत्तर मध्यप्रदेश और आसपास के क्षेत्रों में कम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है, जो अगले 24 घंटों में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ते हुए कमजोर पड़ सकता है।
सक्रिय मौसमी तंत्रों का असर
इस समय मानसून द्रोणिका बीकानेर, जयपुर, ग्वालियर, प्रयागराज, उत्तर-पूर्वी मध्यप्रदेश के निम्न दबाव क्षेत्र, पुरुलिया और दीघा होते हुए उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इसके अलावा उत्तर-पश्चिमी मध्यप्रदेश पर हवा के ऊपरी हिस्से में चक्रवात (Cyclonic Circulation) सक्रिय है। पंजाब और आसपास के इलाकों में भी ऊपरी हवा में चक्रवात बना हुआ है। एक पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) पाकिस्तान और जम्मू क्षेत्र पर द्रोणिका के रूप में सक्रिय है। मौसम विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने बताया कि हवाओं का रुख दक्षिण-पश्चिमी बना हुआ है, जिसके चलते नमी लगातार मध्यप्रदेश की ओर आ रही है और बादलों का असर बना हुआ है।
बंगाल की खाड़ी से बनेगा नया सिस्टम
मौसम विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि मंगलवार तक बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम हिस्से में एक नया लो-प्रेशर एरिया विकसित हो सकता है। इस नए सिस्टम के सक्रिय होने के बाद मध्यप्रदेश में वर्षा की गतिविधियां और तेज हो सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस पूरे हफ्ते प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में रुक-रुककर अच्छी बारिश होने की संभावना बनी रहेगी।