विधानसभा एक का दीपावली मिलन समारोह मल्हारगंज में स्थित छोटा गणपति मंदिर और दुकानदारों के लिए जीवनभर का तोहफा दे गया। यहां पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने ऐसा एलान किया कि कई परिवारों को जीवन भर की खुशीयां मिल गई। यह खुशी है कि टोरी कार्नर से सटकर, मल्हारगंज में प्रस्तावित मेट्रो का स्टेशन अब नही बनेगा। ये स्टेशन छोटा गणपति मंदिर के ठीक सामने बनने वाला हैं। इसके लिए मंदिर के सामने का एक पूरा बगीचा ही स्टेशन में तब्दील होना हैं। इस स्टेशन का पश्चिमी इंदौर में भारी विरोध था। इस विरोध को मुखरता इलाक़े में ही रहने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता व राष्ट्रीय कवि प. सत्यनारायण सत्तन ने दी। सत्तन के साथ मिलने का असर रविवार को एक समारोह में नज़र आया। प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री व मेट्रो के मामले से जुड़े कैलाश विजयवर्गीय ने इस समारोह में घोषणा की जनभावनाओं के मद्देनजर अब मल्हारगंज में मेट्रो स्टेशन नही बनेगा।
मंत्री विजयवर्गीय ने पेश की वरिष्ठों के सम्मान की मिसाल
यहां पर मंत्री विजयवर्गीय ने स्पष्ट भी किया कि मैने इस मुद्दे पर सबको मना कर दिया था कि में किसी की नही सुनूंगा। लेक़िन सत्तन जी की इच्छा है तो हम स्टेशन की योजना को निरस्त करेंगे। जैसा सत्तनजी चाहेंगे, वैसा ही होगा। मंत्री विजयवर्गीय ने ये वादा भी किया कि मेट्रो के कारण इस इलाके में किसी के घर-मकान-दुकान नही टूटने देंगे। विजयवर्गीय अपनी ही विधानसभा क्षेत्र 1 के दीपावली मिलन समारोह को संबोधित कर रहें थे। इस समारोह से प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी वर्चुअली शामिल हुए। गौरतलब हैं कि मेट्रो स्टेशन के निर्माण की गतिविधियां भी प्रस्तावित स्थल पर शुरू हो गई थी और इसका जनता में जबरदस्त विरोध भी था, जो किसी भी दिन सरकार के ख़िलाफ़ सड़क पर नज़र भी आता।
जनता की भावना को दी तवज्जों
भाजपा विधानसभा 1 का रविवार को हुआ दीपावली मिलन समारोह शहर के पश्चिमी क्षेत्र को एक बड़ी सौगात दे गया। मामला पुराने इंदौर के बड़ा गणपति, मल्हारगंज, टोरी कार्नर जैसे क्षेत्र में मेट्रो की आवाजाही से जुड़ा हैं। इस मामले में शहर का ये हिस्सा तब से ही आंदोलन की राह पर हैं, जबसे इंदौर में मेट्रो के बड़ा गणपति से राजबाड़ा होते हुए पलासिया तक आवागमन की घोषणा हुई।
भाजपा-कांग्रेस का साथ में रहा विरोध
यहां मेट्रों के विरोध में भाजपा-कांग्रेस ने मिल कर विरोध किया था। इस आवागमन के तहत मेट्रो का एक स्टेशन मल्हारगंज, छोटा गणपति मन्दिर के सामने भी प्रस्तावित हुआ हैं। ये स्टेशन मल्हारगंज थाने के ठीक सामने व टोरी कार्नर से सटकर बनना प्रस्तावित हैं। चूंकि ये पूरा क्षेत्र सघन व तंग आबादी इलाका हैं और एमजी रोड़ चौड़ीकरण में भी भारी तोड़फोड़ का शिकार हो चुका हैं। लिहाज़ा शहर के इस पुराने व पश्चिमी हिस्से के नागरिक व व्यापारी मेट्रो स्टेशन के पक्ष में पहले दिन से नही रहें। इस मसले पर कांग्रेस-भाजपा दोनों एक साथ सड़क पर आंदोलनरत भी हैं। मिलन समारोह का भाजपा नेता अशोक चौहान चांदू ने उठा लिया लाभ। वे मंत्री विजयवर्गीय के खास भी माने जाते हैं। लिहाज़ा उन्होंने भरे मंच से मेट्रो के मल्हारगंज स्टेशन का मुद्दा उठाया और माइक पार्टी के वरिष्ठ नेता और सबके गुरुवर पंडित सत्यनारायण सत्तन को दे दिया।
सत्तन का बेबाक अंदाज
सत्तन ने अपने बेबाक अंदाज में मंत्री विजयवर्गीय के समक्ष इस स्टेशन की जोरदार मुखालफत की और साफ़ कर दिया कि मेट्रो इस हिस्से से भूमिगत आवागमन करें, कोई आपत्ति नही लेक़िन भूमि के ऊपर कोई निर्माण न हो। सत्तनजी की इस मांग पर तुरंत विजयवर्गीय ने माइक लिया और कहा कि इस मामले में, मै सिर्फ़ सत्तनजी की ही सुनूंगा। शेष को मै मना कर चुका हूं लेक़िन अब जैसा सत्तनजी चाहेंगे, वैसा ही होगा। सत्तनजी जैसे व्यक्तित्व व कार्यकर्ताओं के कारण ही आज हमारा और पार्टी का अस्तित्व है और सरकार हैं।
भाजपा की वरिष्ठता को दिया सम्मान
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जिस तरह से सत्तन की बात का समर्थन करके घोषणा की उसने यह दिखा दिया कि भाजपा से मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भाजपा का वरिष्ठ नेता होने के चलते सत्तन जी का इतना सम्मान करते है। इसके साथ ही यह भी बता दे कि सत्तन इंदौर शहर के कद्दावर नेता रहे है । उन्होने भाजपा को एक नई दिशा दी है। यह वही नेता है जो कांग्रेस वर्चस्व के समय भाजपा का नाम रोशन करते थे।
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि वे जनता की इस भावना से जल्द ही मेट्रो के अफ़सरो व नीति निर्माताओं को अवगत कराऊंगा और मल्हारगंज में मेट्रो स्टेशन के प्रस्ताव को निरस्त करेंगे। मंत्री के इतना कहते ही समारोह की रंगत ही बदल गई औऱ खूब तालियों के साथ भारत माता की जय जय के साथ जय जय सियाराम के नारे लगे। गौरतलब है कि सत्तनजी का निवास टोरी कार्नर से सटकर ही तम्बोली बाखल में है और जब मेट्रो स्टेशन के विरोध में स्थानीय रहवासियों व व्यापारियों ने विरोध का मोर्चा खोला तो सत्तनजी ने इस मोर्चे की भी अगुवाई की थी। सत्तन की मौजूदगी का एक बड़ा फ़ायदा पुराने इंदौर को मिला और मल्हारगंज क्षेत्र एक बड़ी तोड़फोड़ से फ़िलहाल तो बच गया।