मध्यप्रदेश में होगी मूसलधार बारिश, 5 जिलों में रेड, 21 में ऑरेंज और 14 में यलो की चेतावनी, कई इलाकों में 8 इंच तक बारिश की संभावना

प्रदेश में एक बार फिर से मानसून पूरी तरह सक्रिय हो गया है। मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में एक मजबूत सिस्टम राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी से अति भारी वर्षा का कारण बन रहा है। राजधानी भोपाल सहित कई जिलों में रातभर बारिश होती रही। शुक्रवार को भी प्रदेश के उत्तरी क्षेत्रों में जमकर वर्षा हुई। यह सिलसिला अब और तीव्र हो गया है, जिसके चलते अगले चार दिनों तक प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने इसे लेकर व्यापक अलर्ट जारी किया है।

41 जिलों में बारिश का हाई अलर्ट, कुछ जिलों में रेड जोन की स्थिति

शनिवार को राज्य के 41 जिलों में मौसम विभाग ने भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इनमें से रायसेन, सागर, दमोह, पन्ना, सतना और रीवा जैसे जिलों को रेड अलर्ट पर रखा गया है, जहां अगले 24 घंटों में 8 इंच से अधिक बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अतिरिक्त, 21 जिलों को ऑरेंज अलर्ट और 14 जिलों को येलो अलर्ट की श्रेणी में रखा गया है। ऑरेंज अलर्ट वाले क्षेत्रों में मौसम का रुख अधिक गंभीर रह सकता है, जबकि येलो अलर्ट के अंतर्गत हल्की से मध्यम बारिश का पूर्वानुमान है।

शुक्रवार को 30 से अधिक जिलों में बरसे बादल, जलाशयों का जलस्तर बढ़ा

शुक्रवार को प्रदेश के 30 से अधिक जिलों में रुक-रुक कर बारिश होती रही। सीधी जिले में केवल 9 घंटों में 4.8 इंच पानी दर्ज किया गया। पचमढ़ी में डेढ़ इंच, उमरिया, मलाजखंड, छिंदवाड़ा और गुना में लगभग पौन इंच, जबकि सागर, ग्वालियर और नर्मदापुरम में आधा इंच वर्षा हुई। जबलपुर के बरगी डैम के 7 गेट खोल दिए गए हैं, जिससे नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ सकता है। बैतूल के सतपुड़ा डैम और मुरैना के पगारा डैम में भी जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिसके कारण सभी गेट खोल दिए गए हैं। यह स्थिति निचले इलाकों के लिए खतरे का संकेत हो सकती है।

तीन ट्रफ, दो चक्रवाती परिसंचरण और एक डिप्रेशन बना कारण

मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक के अनुसार, मध्य प्रदेश में वर्तमान में तीन ट्रफ लाइन, दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन और एक डिप्रेशन सिस्टम सक्रिय है। ये सभी मौसमीय प्रणाली मिलकर वर्षा को लगातार बनाए हुए हैं और इनकी वजह से विभिन्न इलाकों में तेज हवा, बिजली चमकने के साथ भारी वर्षा देखी जा रही है। यह सिलसिला आने वाले चार दिनों तक बना रहेगा, जिससे प्रभावित जिलों में जनजीवन बाधित होने की आशंका बनी हुई है।

औसत से 7.4 इंच ज्यादा बारिश, कुछ जिलों ने बारिश का कोटा किया पार

इस वर्ष का मानसून अब तक सामान्य से कहीं बेहतर साबित हुआ है। मध्य प्रदेश में अब तक औसतन 22.5 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्य आंकड़ा 15.1 इंच का था। यानी इस बार 7.4 इंच अधिक वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य से लगभग 49% ज्यादा है। निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर जैसे जिलों ने अपने वार्षिक औसत को पार कर लिया है, जबकि ग्वालियर समेत पांच जिलों की स्थिति भी संतोषजनक है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग अब तक पीछे हैं—यहां मात्र 10 इंच या उससे भी कम बारिश हुई है, जो चिंताजनक है।

निचले इलाकों में सतर्कता जरूरी, प्रशासन अलर्ट मोड पर

लगातार हो रही बारिश के कारण निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कई जगहों पर नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे यातायात और जनजीवन पर असर पड़ा है। डैमों के गेट खोले जाने से आसपास के गांवों में जलभराव की आशंका बढ़ गई है। प्रशासन ने राहत और बचाव दलों को सक्रिय मोड में रखा है और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे बिना आवश्यकता घर से बाहर न निकलें और मौसम से संबंधित हर अपडेट पर ध्यान दें।