रात को किए ये 4 काम बन सकते हैं परेशानी की जड़, जीवन में मच सकती है उथल-पुथल

हिन्दू धर्म में वास्तु शास्त्र को एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक माना गया है जो हमारे जीवन में संतुलन, समृद्धि और शांति बनाए रखने में मदद करता है। वास्तु के अनुसार दिन और रात दोनों में किए जाने वाले कार्यों का प्रभाव हमारे मानसिक, शारीरिक और आर्थिक स्थिति पर सीधा पड़ता है।

खासकर रात के समय कुछ विशेष कार्यों को करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं और जीवन को अस्त-व्यस्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही चार कार्यों के बारे में जिन्हें रात में नहीं करना चाहिए।

1. रात को देर से भोजन करना नुकसानदायक

स्वास्थ्य और वास्तु दोनों की दृष्टि से रात को देर से खाना खाना उचित नहीं माना गया है। मान्यता है कि रात 8 बजे के बाद भोजन करने से शरीर की पाचन क्रिया धीमी हो जाती है, जिससे ऊर्जा का क्षय होता है। इसके अलावा, देर रात भोजन करने से नींद में भी बाधा आती है और अगली सुबह थकावट बनी रहती है। इसलिए रात के भोजन को समय पर और हल्का रखना स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा दोनों के लिए बेहतर होता है।

2. सोते समय सिर की दिशा का रखें विशेष ध्यान

वास्तु शास्त्र में दिशाओं का बहुत महत्व है, खासकर जब बात सोने की हो। रात को सोते समय कभी भी अपना सिर उत्तर दिशा में नहीं रखना चाहिए। यह दिशा देवताओं की नहीं मानी जाती, और इस दिशा में सिर रखकर सोने से व्यक्ति की मानसिक शांति भंग हो सकती है और थकान, चिंता जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। हमेशा पूर्व, दक्षिण या पश्चिम दिशा में सिर रखकर सोना लाभदायक माना गया है।

3. रात के समय न काटें नाखून

बहुत से लोग व्यस्त दिनचर्या के कारण रात को ही नाखून काटने का समय निकालते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र में इसे अत्यंत अशुभ बताया गया है। मान्यता है कि रात में नाखून काटने से लक्ष्मी माता का अपमान होता है और इससे घर में दरिद्रता आ सकती है। साथ ही, इससे आर्थिक परेशानियां और मानसिक अशांति भी बढ़ सकती है। इसलिए नाखून दिन के समय ही काटना उचित होता है।

4. सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाने से बचें

वास्तु के अनुसार, सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाना लक्ष्मी जी के आगमन को रोकता है। ऐसा माना जाता है कि झाड़ू में देवी लक्ष्मी का वास होता है और सूर्यास्त के बाद झाड़ू लगाने से वे घर से निकल जाती हैं। इससे घर में धन हानि हो सकती है और सुख-शांति में कमी आ सकती है। यदि सफाई करनी ही हो तो सुबह का समय सर्वोत्तम होता है।