वास्तु शास्त्र के अनुसार, इंसान की कुछ आदतें और अनजाने में की गई गलतियाँ सीधे तौर पर घर की समृद्धि और आर्थिक हालात को प्रभावित कर सकती हैं। कई बार लोग मेहनत तो खूब करते हैं, लेकिन फिर भी धन की कमी बनी रहती है। इसका कारण उनकी दिनचर्या से जुड़ी वही छोटी-छोटी बातें होती हैं, जिनका उल्लेख वास्तु में किया गया है। आइए जानते हैं वे कौन सी आदतें हैं, जो घर की खुशहाली को बाधित कर सकती हैं।
भोजन को चखने की आदत
कई बार महिलाएँ खाना बनाते समय उसका स्वाद जांचने के लिए उसे पहले ही चख लेती हैं। वास्तु शास्त्र में इसे अशुभ माना गया है। भोजन को सबसे पहले भगवान को अर्पित करना चाहिए, उसके बाद ही परिवारजन को परोसा जाना चाहिए। माना जाता है कि भोग से पहले भोजन का स्वाद लेना घर में दरिद्रता और धन हानि का कारण बन सकता है।
नमक को प्लास्टिक में रखना
नमक को वास्तु में लक्ष्मी और सकारात्मकता का प्रतीक बताया गया है। लेकिन अगर इसे प्लास्टिक के डिब्बे में रखा जाए तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। ऐसी स्थिति में घर की आर्थिक स्थिरता प्रभावित होती है और पैसों की कमी आने लगती है। इसलिए नमक को हमेशा कांच की शीशी या स्टील के बर्तन में रखना शुभ माना जाता है।
मुख्य द्वार को पैर से खोलना
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मुख्य द्वार सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश द्वार माना जाता है। इसलिए इसका सम्मान करना बेहद जरूरी है। यदि कोई व्यक्ति मेन गेट को पैर से खोलता है, तो यह अशुभ फलदायी होता है। इस आदत के कारण अनावश्यक खर्चे बढ़ सकते हैं और धन की हानि भी संभव है।
दीपक जलाने का सही समय
घर में दीपक जलाना शुभ माना जाता है, लेकिन इसका समय भी महत्वपूर्ण है। वास्तु में कहा गया है कि दीपक गोधूलि बेला में जलाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति पूरी तरह अंधेरा होने के बाद दीपक जलाता है, तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करता है और आर्थिक परेशानियों का कारण बन सकता है। इसलिए सूरज ढलते ही घर में दीया अवश्य जलाना चाहिए।
तुलसी की दिशा का महत्व
तुलसी का पौधा हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है। इसे गलत दिशा में लगाने से घर पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। वास्तु के अनुसार, तुलसी को कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं लगाना चाहिए। ऐसा करने से परिवार को आर्थिक संकट झेलना पड़ सकता है। तुलसी के लिए सबसे शुभ स्थान उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) मानी जाती है।