इंदौर के लोगों ने लोकसभा चुनाव मेें रिकॉर्ड तोड़ जीत का तोहफा संसद शंकर लालवानी को दिया है। शंकर लालवानी 12 लाख वोटों से जीते है। पीछे 5 साल देखा जाए तो इंदौर में कुछ काम नहीं किया गया है, लेकिन इस बार लालवानी को अपने आपको साबित करना होगा। अभी भी इंदौर रेल, सड़क नेटवर्क के मामले में काफी पीछे है। पुरानी रेल परियोजनाएं मंद गति से चल रही है। इंदौर मेें ना एम्स है और न ही मेडिकल विश्व विद्यालय है।
रिंग रोड प्रोजेक्ट लाना होंगे जमीन पर
इंदौर की वेस्टर्न रिंग रोड को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी चार साल पहले ही मंजूरी देे चुके थे , लेकिन उसका काम अभी तक शुरू नहीं हुआ है। चुनाव के पहले फिर इस प्रोजेक्ट को लेकर बातचीत चली थी। अपने इस कार्यकाल में लालवानी को इस प्रोजेक्ट को जमीन पर लाना होगा। अभी शहर में सिर्फ पूर्वी बायपास ही बना है। इंदौर इच्छापुर मार्ग फोरलेन बन रहा है। सिंहस्थ से पहले इंदौर उज्जैन मार्ग आठ लेन होना बाकि है। इसका काम भी अभी तक शुरू नहीं हुआ हैै।
रेलवे स्टेशन का विस्तार
मुख्य रेलवे स्टेशन के विस्तार के प्रोजेक्ट को रेल मंत्रालय मंजूरी दे चुका था। चुनाव के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली काम का भूमिपूजन भी किया था। अब इस प्रोजेक्ट को भी जमीन पर लाना होगाा और नए रेलवे स्टेशन में कई सुविधाएं होंगी। इंदौर से नए शहरों को जोड़ने के लिए रेलवे कनेक्टिविटी भी बढ़ानी होगी।
तीन साल से लटका इंदौर का मास्टर प्लान
इंदौर के मास्टर प्लान का काल साल 2021 में ही समाप्त हो चूका है। अभी तक शहर का नया मास्टर प्लान नहीं हो पाया है। शहर के गणमान्य नागरिक लगातार अच्छा मास्टर प्लान बनाने की मांग रख रहे है। अभी तक सिर्फ नए मास्टर प्लान का बेस मेप ही तैैयार हुआ है। मास्टर प्लान में देरी होने के कारण से नगर निगम सीमा से जुड़े ग्रामीण क्षेत्रों में भी अवैध तरीके से बसाहट हो रही है।