स्वतंत्र समय, नई दिल्ली/ भोपाल
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान ( third phase voting ) 7 मई को है। इस चरण में 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कुल 93 सीटों के लिए वोटिंग होनी है। तीसरे दौर में जिन सीटों पर मतदान होना है, उनमें सबसे ज्यादा 25 लोकसभा सीटें गुजरात की हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के लिए मंगलवार (7 मई) को वोटिंग होनी है। इस चरण में 11 राज्यों की कुल 93 सीटों के लिए मतदान होना है।
third phase voting 93 सीटों पर
हालांकि, पहले जब निर्वाचन आयोग ने चुनाव तारीखों का एलान किया था तब तीसरे चरण ( third phase voting ) में 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 94 सीटों पर मतदान होना था। मध्य प्रदेश की बैतूल सीट पर मतदान दूसरे चरण में होना था, लेकिन यहां बसपा प्रत्याशी के निधन के चलते मतदान तीसरे चरण के लिए स्थगित कर दिया गया। ऐसे में तीसरे चरण के मतदान के लिए कुल सीटों की संख्या बढक़र 95 हो गई। गुजरात की सूरत सीट पर भाजपा उम्मीदवार मुकेश दलाल के निर्विरोध चुने जाने के कारण यहां चुनाव नहीं होना है। ऐसे में तीसरे चरण के मतदान वाली सीटों की संख्या घटकर फिर 94 हो गई। वहीं तीसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट पर खराब मौसम के कारण मतदान तीसरे चरण की बजाय छठे चरण के लिए स्थगित कर दिया गया है। ऐसी में अब तीसरे चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है उसकी संख्या 93 रह गई है।
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मप्र में 9 सीटों पर होगी वोटिंग
जनता नेताओं के भविष्य को ईवीएम में बंद करेगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि गर्मी के चलते मतदान केंद्र पर बेहतर व्यवस्था की गई है। हमनें पोलिंग बूथ पर मिनी आईसीयू की तरह व्यवस्था की गई है. सबसे ज्यादा प्रत्याशी भोपाल में हैं, जबकि सबसे कम प्रत्याशी भिंड जिले से चुनाव लड़ रहे हैं। इस तरह से तीसरे दौर में जिन सीटों पर मतदान है, उनमें गुजरात की 25, कर्नाटक की 14, महाराष्ट्र की 11, उत्तर प्रदेश की 10, मध्य प्रदेश की नौ, छत्तीसगढ़ की सात, बिहार की पांच, असम और पश्चिम बंगाल की चार-चार और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव और गोवा की दो-दो सीट शामिल हैं।
सारे काम छोड़ दो, सबसे पहले वोट दो
यह नारा मेरा दिया हुआ है। बात यह है कि सन 2013 में विधानसभा चुनाव होने थे। मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री जयदीप गोविंद ने अधिकारियों की एक बैठक बुलाई और नारे लिखने को कहा। लगभग 15 से 20 अधिकारी और कर्मचारी इस कार्य में जुटे। मैं भी वहां मौजूद था । उस दौरान मेरे पास बार-बार फोन आ रहे थे तो मैं अपने फोन में व्यस्त हो रहा था, तब श्री जयदीप गोविंद ने कहा कि प्रलय सारे काम अभी तुम छोड़ दो सबसे पहले यहां ध्यान दो और एक अच्छा नारा बताओ। मेरे मुंह से अचानक निकल गया सर नारा बन गया, ‘सारे काम छोड़ दो, सबसे पहले वोट दो’। यह नारा तत्कालीन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सहित सभी को बहुत पसंद आया और पूरे प्रदेश में बहु प्रचारित हो गया। उस दौरान 2013 के विधानसभा और 2014 के लोकसभा चुनाव में हम लोगों ने इसका व्यापक इस्तेमाल किया। मैं जिस चेंबर में बैठता था, अपनी कुर्सी के पीछे एक बोर्ड लगाकर इस नारे को लिखवाया। सीईओ के निर्देश पर मैं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को बाइट देता था तब यही नारा न्यूज चैनल पर दिखाई पड़ता था। दस साल हो चुके, तब से यह नारा बहु प्रचारित हो चुका।
संस्मरण : प्रलय श्रीवास्तव
(वर्तमान में संयुक्त संचालक जनसम्पर्क सागर पदस्थ हैं। पूर्व में वे निर्वाचन आयोग में पदस्थ रहे हैं )