जनकल्याण की नई परिभाषा को स्थापित करेगा यह बजट

– दीपक जैन (टीनू)

यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में जनकल्याणकारी नीतियों की नई परिभाषा लिखते हुए भाजपा की डॉ मोहन यादव जी के नेतृत्व वाली सरकार ने वर्ष 2024-25 के सर्वजन हिताय बजट को प्रस्तुत कर विकास के नए पैमाने तय कर लिए हैं। 3 लाख 65 हजार 67 करोड़ के इस बजट में सरकार ने जनता पर कोई नया कर नहीं लगाया है। स्मार्ट सिटी से शुरू हुई शहरी विकास की अवधारणा को नए आयाम देते हुए इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को डेवलप करने के लिए सरकार ने योजनाबद्ध रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। पिछले साल के मुकाबले एमपी को इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए केंद्र से 15 हजार करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है, इसलिए बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर ज्यादा जोर दिया गया है।

विकास को नहीं रफ्तार देने के लिए भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश में 6 प्रगति पथ बनाया जाना प्रस्तावित किया है। इनके दोनों तरफ औद्योगिक कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे। साथ ही सिंहस्थ 2028 के आयोजन के लिए बजट में 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उज्जैन शहर में बायपास और शहर में सभी मार्गों को फोरलेन और 8 लेन बनाने का प्रस्ताव है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 2000 किलोमीटर सड़क का नवीनीकरण करने का लक्ष्य इस बात को प्रमाणित करता है कि ग्रामीण विकास के संकल्प को सरकार ने अपनी प्राथमिकता सूची में शामिल कर रखा है।

विपक्षी दलों की तमाम धारणाओं को ध्वस्त करते हुए सरकार ने मध्य प्रदेश की लाडली बहनों के लिए भी बजट में पर्याप्त राशि का प्रावधान किया है। महिलाओं के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के लिए 1 लाख 21 हजार 997 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 19 हजार 21 करोड़ ज्यादा है। शैक्षणिक परिदृश्य को समृद्ध बनाने के लिए भाजपा की डॉ मोहन यादव जी के नेतृत्व वाली सरकार में 63 लाख छात्रों को निशुल्क यूनिफॉर्म और 87 लाख छात्रों को निशुल्क किताबें देने का ऐलान भी बजट में किया गया है। वित्त मंत्री श्री जगदीश देवड़ा जी ने 22 नए आईटीआई खोलने का भी ऐलान किया है, जिसमें देवास, छिंदवाड़ा और धार में संचालित आईटीआई को ग्रीन स्किलिंग आईटीआई में विकसित कर यहां इलेक्ट्रिक व्हीकल मैकेनिक और सोलर टेक्नीशियन के पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।