भारत हमेशा से ही अपनी संस्कृति और परंपराओं के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है।भारतीयो ने हमैशा सेे ही संस्कृतिक धरोवर को सावधानी से प्रिजर्व किया है। देश मे कई ऐसे किले है जो दुनिया भर मे मशहूर है। आज हम आपको एक ऐसे ही किले के बारे मे बतायेगे। इस किले को’द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया’ भी कहा जाता है। अपनी भव्य दीवारों और सुरक्षा व्यवस्था के कारण यह किला दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करता है।जी हा! हम बात कर रहे है ,कुंभलगढ़ किले की।
1,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है ये किला :
राजस्थान के अरावली पर्वतमाला की पश्चिमी श्रृंखला के राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ किला स्थित है ।ये किला समुद्र तट से 1,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और “झीलों का शहर” उदयपुर से लगभग 84 किलोमीटर दूर है। इस किले का निर्माण15वीं शताब्दी में हुआ था। इसको मेवाड़ के शक्तिशाली शासक राणा कुंभा ने बनवाया था।इस किले कि सबसे विशेष बात यह किला 36 किलोमीटर लंबी दीवारों से घिरा हुआ है। यह दीवारे ,चीन की ग्रेट वॉल के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार है। यही कारण है कि इसे ‘भारत की महान दीवार’ कि उपाधी भी दि गई है।
किले को घेरने लगभग है नामुमकिन :
कुंभलगढ़ किला अपनी बनावट लिए प्रसिद्ध है। इतिहास के अनुसार, केवल एक बार ही इस किले को घेरा जा सका है। यह किला मेवाड़ के शौर्य का प्रतीक माना जाता है।मेवाड़ वही स्थान है जहां महान योद्धा महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था। किले में सात विशाल प्रवेश द्वार है|साथ ही किले मे तेरह पर्वतीय चोटियाँ भी बनाई गई थीं । जिसको भेदना दुश्मनो के लिए लगभग नामुमकिन है |
किले मे है सात प्रवेश द्वार :
किले मे अरेट पोल, हनुमान पोल, राम पोल, विजय पोल, निंबू पोल, पाघरा पोल और टॉप खाना पोल नाम के सात द्वार है । इन्ही दरवाजो के माध्यम से किले में प्रवेश किया जाता है।आपको बता दे कि इस किले का सबसे आकर्षक हिस्सा बादल महल ही है ।बादल महल किले का सबसे ऊंचा भाग है ,जहां से ग्रामीण क्षेत्रों और बादलों का अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है। इस किले मे मंदिरों की भी भरमार है। किले के भीतर 360 से अधिक मंदिर हैं,इन सभी मंदिरो मे श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर सबसे प्रमुख है।
आर्किटेक्चर का अनोखा उदाहरण है ये किला :
कुंभलगढ़ किला न केवल आर्किटेक्चर का अनोखा उदाहरण है, बल्कि इसका ऐतिहासिक महत्व भी बेहद खास है। वर्ष 2013 में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई।पर्यटक यहां न केवल किले की भव्यता का आनंद लेते हैं, बल्कि शाम को आयोजित होने वाले लाइट एंड साउंड शो का भी लुफ्त उठाते है।