71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में बॉलीवुड की अभिनेत्री Rani Mukerji को उनकी फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे (2023) के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। यह उनके 30 साल के शानदार करियर का पहला नेशनल अवॉर्ड है, जिसने न केवल उनके प्रशंसकों बल्कि पूरे फिल्म उद्योग को गर्व से भर दिया।
Rani Mukerji ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत 1996 में बंगाली फिल्म बीयर फूल से की थी, जिसका निर्देशन उनके पिता राम मुखर्जी ने किया था। इसके बाद 1997 में हिंदी सिनेमा में उनकी पहली फिल्म राजा की आएगी बारात रिलीज हुई। हालांकि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाई, लेकिन रानी के अभिनय ने दर्शकों का ध्यान खींचा। इसके बाद गुलाम (1998), कुछ कुछ होता है (1998), साथिया (2002), हम तुम (2004), ब्लैक (2005), मर्दानी (2014), और हिचकी (2018) जैसी फिल्मों में उनके दमदार किरदारों ने उन्हें एक बहुमुखी अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया।
मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे: एक मां की अनूठी कहानी
2023 में रिलीज हुई मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे एक सच्ची घटना से प्रेरित फिल्म है, जिसमें रानी ने एक ऐसी भारतीय मां का किरदार निभाया है, जो अपने बच्चों की कस्टडी के लिए नॉर्वे की सरकार से कानूनी जंग लड़ती है। इस फिल्म में रानी की भावनात्मक गहराई और दमदार अभिनय ने न केवल दर्शकों को रुलाया, बल्कि समीक्षकों से भी खूब वाहवाही बटोरी। अशिमा छिब्बर के निर्देशन में बनी इस फिल्म ने रानी की अभिनय क्षमता को एक नए स्तर पर प्रदर्शित किया।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की जूरी ने रानी के इस किरदार को उनकी अब तक की सबसे प्रभावशाली परफॉर्मेंस में से एक माना। पुरस्कार की घोषणा के बाद रानी ने कहा, “यह अवॉर्ड मेरे लिए सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि उस हर मां को समर्पित है, जो अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहती है।”
Rani Mukerji: भावुक पल और आभार
रानी ने अपनी पूरी टीम, निर्देशक अशिमा छिब्बर, निर्माताओं, और अपने परिवार का आभार व्यक्त किया। रानी ने अपने प्रशंसकों को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने तीन दशकों तक उनके काम को प्यार और समर्थन दिया।
उन्होंने कहा, “30 साल का यह सफर आसान नहीं था। कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन आप सभी का प्यार और विश्वास मेरे लिए सबसे बड़ा पुरस्कार रहा है। यह नेशनल अवॉर्ड मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है।”