Chhota Kaidareshwar : सावन महीने में अक्सर भक्तों को भगवान भोलेनाथ के अनोखे और खूबसूरत मंदिर के दर्शन करने की चाहत होती है। इसी कड़ी में हम आपको बाबा भोलेनाथ के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने वाले है, जिसे छोटा केदारनाथ कहा जाता है।
मध्यप्रदेश के रतलाम में एक इतना प्यारा धार्मिक स्थल है, जहां प्रकृति और अध्यात्म का सैलाब उमड़ता है। रतलाम से लगभग से लगभग 25 किलोमीटर दूर सैलाना के नजदीक ‘महाकेदारेश्वर महादेव मंदिर’ है, जिसे छोटा केदारेश्वर मंदिर कहते है। यहाँ दूर-दूर से भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद उठाने आते हैं।
ऊंची-ऊंची पहाड़ियों से घिरा छोटा केदारेश्वर सबको अपनी ओर आकर्षित करता है। खास बात ये है कि बारिश के दिनों में इस स्थान की सुंदरता में चार चाँद लग जाते हैं। यहां आस-पास की चट्टानों से रिसता पानी एकत्रित होकर सुंदर झरने का रूप ले लेता है और ऊंचाई से मंदिर के पास स्थित कुंड में गिरता है। इस मनोहारी दृश्य को देखने टुरिस्ट और भक्त बड़ी दूर दूर से आते है।
महाकेदाररेश्वर मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग विराजमान है। सन् 1736 में सैलाना के महाराज जयसिंह ने यहाँ एक सुंदर मंदिर का निर्माण करवाया था और ये स्थान ‘केदारेश्वर महादेव मंदिर’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। यहाँ पर प्रतिवर्ष शिवरात्रि, वैशाख पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा पर मेला लगता है।
श्रावण महीने में बड़ी संख्या में कावड़ यात्री और श्रद्धालु यहां आते हैं और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। छोटे केदारेश्वर में आसपास ही तीन सुंदर झरने है। सैलाना के छोटे केदारेश्वर मंदिर में राजस्थान, बांसवाड़ा, मंदसौर नीमच से खासतौर पर भक्त दर्शन करने आते है। छोटे केदारेश्वर मंदिर की प्राकृतिक सुंदरता और यहां बहने वाले झरने लोगो का मन मोहित कर लेते है।