स्वतंत्र समय, वाराणसी
पीएम मोदी ने काशी में दो जनसभाओं में शामिल होकर पूरे पूर्वांचल को साधा। उन्होंने अपने संबोधन में लोकसभा चुनाव जीतने का दावा भी किया। पीएम दो दिवसीय वाराणसी दौरे पर आए हुए हैं। करखियांव में जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि यूपी ने सारी सीटें मोदी को देने का निर्णय कर लिया है। मोदी का तीसरा कार्यकाल सबसे प्रखर कार्यकाल होने वाला है। भारत का आर्थिक, सामाजिक हर क्षेत्र बुलंदी पर होगा। भारत 11वें नंबर से ऊपर उठकर 5वें नंबर पर आया। अब तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की सबसे मजबूत शक्ति बनेगा। देश को चार लेन, छह लेन, आठ लेन की सडक़ें बन रही है। वंदे भारत चल रहा है। ऐसे ही विकास कार्य आए दिन होंगे। देश का कायाकल्प होने वाला है। इस भारत को विकसित भारत का इंजन बनाऊंगा।
पीएम मोदी बोले- आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी
गठबंधन पर हमला बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि माल वही है, पैकिंग नई है। इस बार यूपी की जनता ने मोदी की गारंटी वाली सरकार चुनने का निर्णय ले लिया है। इस बार जमानत भी नहीं बचेगी। पीएम ने कहा कि मोदी की गारंटी यानी गारंटी पूरी करने वाली गारंटी। पीएम ने कहा यूपी और बिहार को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार काम कर रही है। भविष्य में बनारस से कोलकाता का समय करीब-करीब आधा होने वाला है। इन सडक़ों पर आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। काशी यूपी ही नहीं देश की भी एक महत्वपूर्ण नगरी बनेगी। आने वाले दिनों में काशी मेक इन इंडिया का ज्ञान देगी।
जो खुद होश में नहीं, वह यूपी-काशी के बच्चों को नशेड़ी कह रहे
पीएम मोदी ने राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मोदी को गाली देते-देते तो इन्होंने 2 दशक बिता दिए और अब ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन पर, यूपी के नौजवानों पर ही ये लोग अपनी फ्रस्ट्रेशन निकाल रहे हैं। कांग्रेस के युवराज का कहना है कि काशी के नौजवान, यूपी के नौजवान नशेड़ी हैं। जिनके अपने होश ठिकाने नहीं हैं, वो यूपी के, मेरी काशी के बच्चों को नशेड़ी कह रहे हैं। अरे घोर परिवारवादियों… काशी का, यूपी का नौजवान तो विकसित यूपी बनाने में जुटा है, अपना समृद्ध भविष्य लिखने के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा कर रहा है। आजकल तो इनके गुस्से का, इनकी बौखलाहट का एक और भी कारण है। इनको काशी और अयोध्या का नया स्वरूप बिल्कुल पसंद नहीं आ रहा। ये अपने भाषणों में राम मंदिर को लेकर कैसी-कैसी बातें करते हैं। मैं ये नहीं जानता था कि कांग्रेस को प्रभु श्रीराम से इतनी नफरत है। ये अपने परिवार और वोटबैंक से बाहर देख नहीं सकते, सोच नहीं सकते। तभी तो हर चुनाव के दौरान साथ आते हैं और जब परिणाम ‘निल बटे सन्नाटा’ आता है तो ये एक-दूसरे को गाली देते हुए अलग हो जाते हैं।