20 दिन में तैयार हो जाती हैं धान की ये किस्म, 30% ज्यादा उत्पादन से किसानों को बनाएंगी मालामाल

देश के किसानों के लिए खुशखबरी है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में धान की दो नई किस्मों का लोकार्पण किया, जो भारतीय कृषि के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।

इस अवसर पर उन्होंने ‘DRR Dhan 100 (Kamala)’ और ‘Pusa Rice DST1’ नामक नई जीनोम-संपादित धान की किस्मों का परिचय दिया। ये किस्में खासतौर पर किसानों की समृद्धि और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने वाली हैं।

30% ज्यादा उत्पादन और 20 दिन पहले पकने वाली किस्में

कृषि मंत्री के अनुसार, ये नई धान की किस्में 30 प्रतिशत अधिक उत्पादन देने में सक्षम हैं। इसका मतलब यह है कि किसान पहले से कहीं ज्यादा उपज प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इसके अलावा, यह किस्में 20 दिन पहले पकने वाली हैं, जिसका किसानों को बड़ा फायदा होगा। जल्दी पकने से किसानों को अगली फसल के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा, जिससे वे ज्यादा फसलें उगा सकेंगे और अपनी आय में भी वृद्धि कर पाएंगे।

कम समय में अधिक लाभ

कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि इन नई किस्मों की मदद से किसानों का समय और लागत दोनों बचेंगे, क्योंकि उत्पादन ज्यादा होने के साथ-साथ समय भी कम लगेगा। इससे किसानों को न केवल अधिक मुनाफा होगा, बल्कि उनकी मेहनत का परिणाम भी बेहतर होगा। इस नई तकनीक के माध्यम से किसानों को उच्च गुणवत्ता की फसलें मिलेंगी, और साथ ही उत्पादन की लागत में भी कमी आएगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में बड़ा बदलाव

शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार जताया। उन्होंने ट्वीट किया, “आज भारतीय कृषि के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र को आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित करने, नवाचार को प्रोत्साहन देने और किसानों को सशक्त बनाने का सतत प्रयास किया जा रहा है।”

नवाचार और विज्ञान का योगदान

कृषि मंत्री ने इस बात को भी रेखांकित किया कि यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारतीय कृषि को सतत विकास की दिशा में अग्रसर करने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय का भी आभार व्यक्त किया, जिनकी मेहनत और नवाचारों के कारण ये नई धान की किस्में किसानों के लिए लाभकारी साबित होंगी।