Vijayadashami Special : परंपरा के अनुसार हर साल विजयादशमी पर रावण दहन किया जाता है। लेकिन इस बार मध्यप्रदेश के इंदौर में विजयादशमी के त्यौहार पर रावण की बहन शूर्पणखा और उसकी सेना का दहन किया जाएगा। यहां शूर्पणखा की सेना से तात्पर्य है, जिन्होंने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या की, उन महिलाओं के पुतले दहन किए जाएंगे।
2 अक्टूबर 2025 को इंदौर में शूर्पणखा और उसकी सेना के पुतलों को ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस के रूप में पूरे शहर में घूमाया जाएगा। इसके बाद दम्हा लक्ष्मी नगर मेला ग्राउंड में दहन किया जाएगा। इस अनोखी पहल के लिए एक एंथम भी बनाया गया है।
इस अनोखे आयोजन करने वाली संस्था का नाम पौरूष है, जो पुरूषों के अधिकारों और उनके हितों के लिए काम करती है। इस आयोजन में इंदौर के बहुचर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड की आरोपी उसकी पत्नी सोनम रघुवंशी का पोस्टर भी होगा। इसके साथ ही सूर्पणखा सेना में अपने पतियों की कातिल या उसे मरने के लिए मजबूर करने वाली महिलाओं के पोस्टर भी होंगे।
इस आयोजन में पीड़ित परिवारों को शामिल होने के लिए बुलावा भी भेजा गया है। इस आयोजन का प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। इसमें मेरठ के नीले ड्रम वाली महिला रविता, बैंगलुरू की सूचना सेठ सभी के बैनर लगाए गये है।
पौरूष संस्था के अध्यक्ष अशोक दशोरा के अनुसार युगों-युगों से महिलाओं के अपराधों और पापों का दंड पुरषों को भुगतना पड़ा है। उन्होंने कहा कि आज भी चाहे महिला कितनी ही दोषी क्यों ना हो, सामाजिक अपमान, तिरस्कार और कानूनी सजा का भार पुरुषों पर डाल दिया जाता है। आज सभी महिला कानून नारियों के पक्ष में है। पढ़ी-लिखी महिलाएं झूठे केस करके अपने पतियों और ससुराल वालों को फंसा रही है, जिससे पुरूष आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए मजबूर हो रहे है।
त्रेता युग में शूर्पणखा ने भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को विवाह का अनैतिक प्रस्ताव दिया, जिससे क्रोधित होकर लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी। इसके दुष्परिणामस्वरूप राम-रावण युद्ध हुआ, जिसमें लाखों निर्दोष मारे गए। द्वापर युग में द्रौपदी ने दुर्योधन को ‘अंधे का पुत्र अंधा’ कहकर अपमानित किया, जिसके परिणामस्वरूप महाभारत युद्ध हुआ और लाखों पुरुष मारे गए।