मध्यप्रदेश की तीन जातियों को मिल सकता है आरक्षण का फायदा, सर्वे रिपोर्ट बनी आधार

मध्यप्रदेश की कुछ जातियों को केंद्र सरकार की अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) सूची में शामिल करने की मांग अब निर्णायक मोड़ पर पहुँच रही है। हाल ही में भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) की सुनवाई के दौरान यह महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई कि राज्य की 32 जातियों में से कुछ को OBC दर्जा दिए जाने की संभावना है।

32 जातियों ने रखी OBC में शामिल होने की मांग

जनवरी 2025 में आयोग की दो बेंचों ने लगातार 15 दिन तक भोपाल में अलग-अलग जातियों की दलीलें सुनीं। इन बेंचों के सामने मध्यप्रदेश की 32 जातियों के प्रतिनिधियों ने यह तर्क दिया कि वे सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हैं, लेकिन केंद्र सरकार की सूची में अब भी इन्हें सामान्य वर्ग में रखा गया है। प्रतिनिधियों ने केंद्र की OBC सूची में शामिल करने की मांग की, ताकि वे आरक्षण और सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकें।

पाँच जातियों पर हुआ विस्तृत सामाजिक-आर्थिक सर्वे

जन अभियान परिषद के माध्यम से इन 32 जातियों में से 5 जातियों का विशेष सामाजिक-आर्थिक सर्वे कराया गया। जिन जातियों को इस सर्वे में शामिल किया गया, वे हैं:
• फूलमाली/माली-सैनी
• कलार (जायसवाल)
• लोढ़ा (तंवर)
• कुड़मी
• वैशवार

कुड़मी, तंवर और माली-सैनी OBC सूची के योग्य पाई गईं

सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक कुड़मी, तंवर (लोढ़ा) और माली-सैनी (फूलमाली) जातियाँ केंद्र की OBC सूची में शामिल किए जाने के योग्य पाई गई हैं। इन जातियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति इस बात की पुष्टि करती है कि उन्हें पिछड़े वर्ग के अधिकार मिलने चाहिए।

अब क्या है अगला कदम?

अब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग इन तीन जातियों के लिए अलग-अलग सिफारिशी रिपोर्ट तैयार करेगा। यह रिपोर्ट भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय को भेजी जाएगी। मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद मामला केंद्रीय कैबिनेट के पास जाएगा। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद इसे लोकसभा में रखा जाएगा, जहाँ से पारित होकर सरकारी अधिसूचना जारी होगी। इसके बाद ही इन जातियों को केंद्र की OBC सूची में औपचारिक रूप से शामिल किया जाएगा।

OBC दर्जा मिलने से क्या मिलेंगे फायदे?

OBC में शामिल होने से इन जातियों को कई सरकारी लाभ मिलेंगे, जैसे:
• 27% आरक्षण केंद्र की नौकरियों और उच्च शिक्षा संस्थानों में
• छात्रवृत्ति योजनाओं और आवासीय सुविधाओं का लाभ
• आर्थिक सहायता और स्वरोजगार योजनाओं में प्राथमिकता
• सामाजिक न्याय और कल्याणकारी योजनाओं की सीधी पहुँच