मप्र में BJP की तीन ‘दीदी’ चुनावी पिक्चर से गायब

सीताराम ठाकुर, भोपाल

मप्र में 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ( BJP ) की दो तिहाई बहुमत से सरकार बनवाने वाली ‘दीदी’उमा भारती की अब शायद भाजपा को जरूरत नहीं है। इसीलिए एक पूर्व सीएम को स्टार प्रचारक तक नहीं बनाया। उमा भारती लोकसभा चुनाव की पिक्चर से पूरी तरह गायब हैं, वे इस समय उत्तराखंड में गंगा नदी को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के साथ ही रुद्रप्रयाग, नंदप्रयाग आदि के दर्शन करने में व्यस्त हैं।

BJP से उमा भारती स्वयं करीब 9 महीने मुख्यमंत्री रहीं

वैसे विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने कुछ सीटों पर प्रचार किया था। मप्र में भाजपा ( BJP ) की सरकार बनवाने वाली उमा भारती स्वयं करीब 9 महीने तक मुख्यमंत्री रहीं। इसके बाद हाई कोर्ट के एक मामले की वजह से उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था और पार्टी ने बाबूलाल गौर को सीएम बनाया था। उमा भारती को भाजपा से ज्यादा तवज्जो नहीं मिली तो उन्होंने जनशक्ति पार्टी का गठन कर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। भाजपा में वापस लौटने पर ऌाांसी से लोकसभा चुनाव जीता और केंद्र में मत्री बनीं, लेकिन मप्र में भाजपा की राजनीति के कारण उन्हें वापस पार्टी में वह स्थान नहीं मिला, जिसकी उन्हें उम्मीद थीं। उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में घोषणा की थी कि वह 2024 का चुनाव लड़ेंगी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। बाद में उन्होंने कहा-वे अभी गंगा नदी को स्वच्छ करने के अभियान पर काम कर रही हैं, इसलिए अपनी भावना से पार्टी को अवगत करा दिया और 2024 का चुनाव नहीं लड़ेंगी, लेकिन अब वे पूरी तरह मप्र की चुनावी पिक्चर से गायब हैं।

प्रज्ञा सिंह सांसद तक रहीं सीमित

2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर भोपाल से सांसद चुनी गर्इं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को अपने विवादित बयानों की वजह से भाजपा ने उनसे दूरी बना रखी है। वैसे पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को पौने तीन लाख वोटों से हराया था। सांसद होने के नाते उन्हें सरकारी मीटिंग आदि में तो बुलाया जाता रहा है, लेकिन 2024 के चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया। विधानसभा चुनाव के दौरान भी वे सभाओं में बहुत कम नजर आर्इं। भाजपा उन्हें कोर कमेटी से लेकर अन्य मीटिंग में भी नहीं बुलाती। इस चुनाव में तो पार्टी ने उन्हें स्टार प्रचारक तक नहीं बनाया, जिसके बाद उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली। पिछले दिनों भोपाल के नेवरी में आश्रम बनवाने के लिए निजी और सरकारी जमीन पर वे कब्जा कराने पहुंची, जिसका विरोध होने पर उन्हें लौटना पड़ा। बाद में पुलिस ने जेसीबी मशीन भी जब्त कर ली। हालांकि, सीएम डॉ. मोहन यादव ने दो दिन पहले कहा था कि प्रज्ञा सिंह को भी चुनाव प्रचार में उतारा जाएगा।
यशोधरा राजे ने भी बनाई दूरी
मप्र के शिवपुरी से 5 बार की विधायक, सांसद और भाजपा सरकार में पूर्व मंत्री रहीं ग्वालियर राजघराने से नाता रखने वालीं यशोधरा राजे सिंधिया भी चुनावी पिक्चर से गायब हैं। वैसे उन्होंने 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान अस्वस्थ होने की वजह से चुनाव लडऩे से इंकार कर दिया था। 2023 के चुनाव के दौरान उन्होंने कुछ सीटों पर चुनाव प्रचार जरूर किया, लेकिन लोकसभा चुनाव में उन्हें भी स्टार प्रचारक नहीं बनाया गया। अब उन्होंने भी चुनाव प्रचार से दूरी बना ली है। वे अभी तक गुना-शिवपुरी आदि क्षेत्र में किसी चुनावी सभा में भी नजर नहीं आर्इं।