जेके शुक्ला, स्वतंत्र समय
सहकारिता ( co-operation ) अपने आप में एक स्पष्ट एवं संपूर्ण शब्द है जिसमें भावार्थ एवं शब्दार्थ दोनों ही अपने आप में पूर्ण है जिसका समान अर्थ मिलजुल कर परस्पर एक दूसरे के साथ सहयोग कर कार्य करना है सहकारिता की मूल भावना सदस्यों द्वारा सदस्यों के हितार्थ सदस्यों से मिलकर कार्य करना है अर्थात किसी कल्याणकारी उद्देश्य के लिए मिलकर कार्य करना ही सहकारिता है सहकारिता एक महामंत्र भी है जिसमें कम को ही सर्वोच्च मानते हुए आपसी विश्वास एक दूसरे के लिए कुछ करने की भावना किसी उच्च आदर्श की स्थापना को स्थापित करने का उद्देश्य संकल्पित रहता है तथा वसुदेव कुटुंबकम का आदर्श निहित रहता है। भेलकर्मियों ने यह सिद्ध कर दिया है कि वह देश के लिए उत्पादन में जितने कुशल तथा राष्ट्र निर्माण के सजग प्रहरी के रूप में प्रण-प्राण से लगे हुए हैं उतने ही कुशल प्रशासक के रूप में इस सहकारी संस्था का संचालन कर रहे हैं संस्था के नेतृत्व में सहकारिता की मूल भावना और उद्देश्यों को सदस्य के माध्यम से पूरे समाज को जोड़ा है वर्तमान परिस्थितियों में सहकारिता का महत्व इस कारण भी बढ़ गया है कि केंद्र सरकार ने सहकारिता का एक अलग से मंत्रालय बनाया है जिससे कि सहकारिता के माध्यम से संपूर्ण देश में और अधिक से अधिक कार्य हो सके तथा देशवासियों को इसका लाभ मिल सके अभी अगस्त 2023 के प्रथम सप्ताह में ही संसद से बहु राज्य सहकारी समिति संशोधन विधेयक 2023 पारित हुआ इसके पास होने की होने से मल्टी स्टेट सोसाइटी की कार्य प्रणाली में और अधिक पारदर्शिता आएगी सहकारी चुनाव प्राधिकरण की स्थापना होगी राजनीतिक हस्तक्षेप काम होगा और संस्था कार्यों में और अधिक गति आएगी।
बीएचईई थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के अध्यक्ष बसंत कुमार से खास चर्चा में बताया कि सोसाइटी कैसे रन कर रही है।
अध्यक्ष बंसत कुमार
- थ्रिफ्ट समिति की स्थापना कब हुई और कैसे हुईः थ्रिफ्ट संस्थान की स्थापना 1965 में प्रितपाल गुप्ता जी के संरक्षण में 11 सदस्यों को साथ लेकर की गई थी।
- संस्था में संचालक मंडल कितने हैंः संस्था के संचालक मंडल में 11 सदस्य हैं,11 सदस्य मिलकर अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, एवं सचिव का चुनाव करते हैं।
- संस्था की सदस्यता फीस स्थापना के समय कितनी थी और अब कितनी है?: संस्था की सदस्यता फीस को फीस न कह कर,थ्रिफ्ट के रूप में उसे समझें, जब संस्था की स्थापना हुई थी उस समय पांच रूपये थीं, अब यह ? 500 थ्रिफ्ट के रूप में ली जाती है। थ्रिफ्ट के रूप में ली जाने वाली राशि जब सदस्यता खत्म करता है या रिटायर हो जाता है उस समय सूद समेत यह राशि वापस कर दी जाती है।
थ्रिफ्ट संस्थान की स्थापना करने के पीछे का उद्देश्य क्या था?
संस्थान की स्थापना करने का उद्देश्य था, जब हमारे देश में औद्योगिक क्रांति पब्लिक सेक्टर में बहुत सारी कंपनियों का स्थापना हो रही थी, भेल में जो कर्मचारी बाहर के राज्यों से यहां पर कार्य कर रहे थे उनको सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से सहकारी समिति की स्थापना की गई, और जब इसकी स्थापना हुई थी उस समय बाहर से लोग आए हुए थे और यहां पर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी, साहूकारों के चंगुल से बचाने के उद्देश्य से भेल प्रशासन के लोगों ने यह सोचकर सहकारी समिति की स्थापना की थी, भेल कर्मचारियों को थ्रिफ्ट की सदस्यता लेने पर उनको वह सारी सुविधाएं दी जाए, जिससे आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े।
संस्था ने अपने सदस्यों के जीवन में सामाजिक व आर्थिक विकास में क्या महत्वपूर्ण योगदान दिया है?: बहुत बड़ा महत्व पूर्ण योगदान है आज जो कर्मचारी भेल में काम कर रहे हैं उनका सामाजिक आर्थिक रूप से सहायता की जाती है जैसे – शिक्षा, शादी, प्रॉपर्टी खरीदने, और उनकी अन्य लाइफ़स्टाइलों को जीने के लिए ऋण के रूप में आर्थिक सहायता प्रदान।
- संस्था बैंकिंग प्रणाली के साथ-साथ और भी क्या काम करती है?: बैंकिंग प्रणाली के साथ-साथ हमारा एक बचत बाजार भी है जिसमें रेमंड और विमल का ही शोरूम था लेकिन 2017 में जब हमने पदभार संभाला उसके बाद हमने ग्रोसरी आइटम भी उपलब्ध कराना शुरू कर दिया। ग्रॉसरी आइटम उपलब्ध कराने का एक फायदा और हुआ जब कोरोना काल लगा हुआ था उस समय बचत बाजार से लोगों को ग्रोसरी आइटम घर-घर जाकर उपलब्ध कराया जाता था जो एक आंदोलन के रूप में याद किया जाता है।
- संस्था कार्य कैसे करती है?: सहकारी संस्था जैसे कार्य करती है वैसे ही थ्रिफ्ट संस्था भी कार्य करती है इस समय थ्रिफ्ट संस्था में लगभग साढे चार हजार सदस्य है, सदस्यों के माध्यम से 11 सदस्यों का चुनाव किया जाता है, 11 सदस्य मंडल ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष,और सचिव का चुनाव, इन्हीं के माध्यम से किया जाता है, यदि किसी महत्वपूर्ण चीजों पर निर्णय लेना होता है समय-समय पर सदस्यों की बैठक होती है जिसमें निर्णय लिया जाता है।
- संस्था द्वारा क्या व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का संचालन भी करती है तो कैसे?: व्यावसायिक प्रतिष्ठान में बचत बाजार भवन जो पिपलानी में स्थित है दूसरा बरखेड़ा में भी संचालित किया जाता है।
- क्या संस्था में भेल कर्मचारी ही सदस्यता ले सकते हैं: केवल भेल कर्मचारी ही सदस्यता ले सकते हैं।
- क्या संस्था के व्यावसायिक प्रतिष्ठान में भेल कर्मचारियों के अलावा भी खरीदारी कर सकते हैं तो कैसे?: भेल कर्मचारियों के अलावा भी जो सदस्य नहीं है वह भी आकर खरीदारी कर सकते हैं जो सुविधा सदस्यों को दी जाती है वही सुविधा ग्रॉसरी और अन्ना चीजों पर दी जाती है इसका प्रचार प्रसार अभी कम है लेकिन भविष्य में और किया जाएगा जिससे आम जनता भी यहां आकर खरीददारी कर लाभ उठा सके।
- सदस्यों द्वारा लिए गए ॠण मरणोपरांत क्या उनके परिवार से वसूला जाता है?: थ्रिफ्ट के रूप में जिन सदस्यों का रुपए 500 हर महीने जमा किया जाता उसी समय 0. 5त्न इंश्योरेंस के रूप में भी लिया जाता है जिससे भविष्य में यदि उनके यहां कोई ऐसी अनहोनी घट जाती है या मृत्यु हो जाती है यदि उसने लोन लिया है जैसे 12 लाख या 15 लाख लिया है तो वह राशि वापस नहीं ली जाती है और इसके उपरांत रुपए 30000 और उनको दिया जाता है ऐसी व्यवस्था करके रखी है जिससे कभी कोई ऐसी अशुभता का सामना न करना पड़े और संस्था को भी कोई हानि ना हो, क्योंकि उसके पहले ही हमने उस व्यक्ति का 0.5त्न इंश्योरेंस के रूप में लिया है जिससे वह घटा उसी से पूर्ण कर लिया जाता है।