रेल यात्रियों को समय पर सटीक जानकारी देने और उनकी यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से रेलवे बोर्ड ने आरक्षण चार्ट तैयार करने की व्यवस्था में अहम बदलाव किया है। नए फैसले के तहत पश्चिम मध्य रेलवे जोन में अब ट्रेनों का पहला आरक्षण चार्ट प्रस्थान समय से कम से कम 12 घंटे पहले तैयार किया जाएगा। अभी तक यह चार्ट ट्रेन के चलने से करीब 8 घंटे पहले बनाया जाता था, जिससे यात्रियों को अपनी टिकट स्थिति जानने में देरी होती थी और अंतिम समय तक असमंजस बना रहता था।
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुई नई व्यवस्था
फिलहाल इस नई प्रणाली को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया है। पश्चिम मध्य रेलवे जोन में इसकी शुरुआत भोपाल रेल मंडल से की गई है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक शुरुआती अनुभव उत्साहजनक रहे हैं और यात्रियों की प्रतिक्रिया भी सकारात्मक मिली है। यदि यह प्रयोग पूरी तरह सफल रहता है, तो अगले चरण में इसे जबलपुर और कोटा रेल मंडलों में भी लागू करने की योजना है। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने संबंधित मंडलों से उन ट्रेनों की सूची भी मंगाई है, जिन्हें आगे इस नई व्यवस्था में शामिल किया जा सकता है।
यात्रियों को मिलेगी पहले से यात्रा की स्पष्ट जानकारी
रेलवे बोर्ड का मानना है कि आरक्षण चार्ट पहले तैयार होने से यात्रियों को अपनी यात्रा की बेहतर योजना बनाने में मदद मिलेगी। खासतौर पर वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को समय रहते यह पता चल सकेगा कि उनका टिकट कन्फर्म हुआ है या नहीं। इससे आखिरी समय की परेशानी कम होगी और जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था करने के लिए पर्याप्त समय मिल पाएगा।
शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस बनी पायलट योजना की मिसाल
नई व्यवस्था के तहत 12 दिसंबर से भोपाल मंडल में चलने वाली शान-ए-भोपाल सुपरफास्ट एक्सप्रेस का पहला आरक्षण चार्ट ट्रेन के प्रस्थान से 12 घंटे पहले तैयार किया जा रहा है। यह ट्रेन इस पायलट प्रोजेक्ट का प्रमुख उदाहरण बन चुकी है। इसके साथ ही अब आपातकालीन और इमरजेंसी कोटा से जुड़े आवेदन भी यात्रा से एक दिन पहले, कार्यदिवस के दौरान ही स्वीकार किए जाएंगे, जिससे पूरी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित हो सकेगी।
भविष्य में देशभर में लागू हो सकती है व्यवस्था
रेलवे सूत्रों के अनुसार यात्रियों की सुविधा को देखते हुए आने वाले समय में आरक्षण प्रणाली में और भी सुधार किए जा सकते हैं। यदि यह नई व्यवस्था अन्य मंडलों में भी सफल साबित होती है, तो इसे धीरे-धीरे देशभर की ट्रेनों में लागू करने पर विचार किया जाएगा। कुल मिलाकर रेलवे बोर्ड का यह कदम यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने और रेलवे की आरक्षण प्रणाली को अधिक यात्री-अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।