India: भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती एक बार फिर सामने आई जब भारत ने मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के बहनोई अब्दुल्ला बिन मोहम्मद इब्राहिम द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई टिप्पणी को तवज्जो देने से साफ इनकार कर दिया। यह टिप्पणी, जिसमें पीएम मोदी को “आतंकवादी” कहा गया था, बाद में सोशल मीडिया से हटा ली गई।
India के विदेश सचिव बोले
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत और मालदीव के रिश्ते इतने मजबूत हैं कि इस तरह की “क्षणिक टिप्पणियों” से उन पर कोई असर नहीं पड़ता। उन्होंने कहा, “हमारे संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और कुछ भी हुआ हो, हम आगे देखने को प्राथमिकता देते हैं।”
यह बयान प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव यात्रा से ठीक पहले आया, जहां उन्होंने मालदीव की 60वीं स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लिया और द्विपक्षीय सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें भारत की ओर से 4,850 करोड़ रुपये की लाइन ऑफ क्रेडिट बढ़ाना और भारत-मालदीव मुक्त व्यापार समझौते (IMFTA) पर बातचीत शुरू करने का निर्णय शामिल है।
मालदीव के राष्ट्रपति मुहम्मद मुइज्जू ने भी सुरक्षा मामलों में द्विपक्षीय सहयोग की प्रतिबद्धता को दोहराया। मिस्री ने बताया, “राष्ट्रपति मुइज्जू ने स्पष्ट किया कि सुरक्षा संबंधी मुद्दों को लेकर मालदीव की प्राथमिकता क्या है और दोनों पक्ष साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।”
India के पीएम मोदी द्वारा परियोजनाओं का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी हुआ, जिनमें हुलहुमाले में 3,300 सामाजिक आवास इकाइयों का हस्तांतरण और अद्दू सिटी में सड़क और ड्रेनेज परियोजनाएं शामिल हैं। ये सभी पहल भारत की मालदीव के बुनियादी ढांचे के विकास में भागीदारी को दर्शाती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा, “भारत और मालदीव अपने आपसी संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं।” राष्ट्रपति मुइज्जू और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया गया, जो दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और साझेदारी की गहराई को दर्शाता है।
भारत का यह रुख साफ करता है कि वह व्यक्तिगत टिप्पणियों से ऊपर उठकर पड़ोसी देशों के साथ स्थायी और मजबूत संबंधों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। मालदीव के साथ हालिया द्विपक्षीय प्रगति इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है।