TikTok Ban in India: सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि भारत में टिकटॉक पर लगाया गया प्रतिबंध आज भी पूरी तरह लागू है। कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं द्वारा यह दावा किया गया था कि वे टिकटॉक की वेबसाइट तक पहुँच पा रहे हैं। इस पर सफाई देते हुए सूत्रों ने कहा कि भारत सरकार की ओर से न तो टिकटॉक को अनब्लॉक करने का कोई आदेश दिया गया है और न ही भविष्य में इस पर प्रतिबंध हटाने का कोई संकेत दिया गया है। इस तरह की सभी खबरें और दावे गलत, भ्रामक और निराधार हैं।
वेबसाइट खुली, लेकिन लॉगिन व अपलोड बंद
कई लोगों को ऐसा अनुभव हुआ कि टिकटॉक की साइट ब्राउज़र पर खुल रही है, लेकिन वे अपने अकाउंट में लॉग इन करने में सक्षम नहीं थे। यही नहीं, न तो नए वीडियो अपलोड किए जा सकते थे और न ही पुराने वीडियो देखे जा सकते थे। साथ ही टिकटॉक का मोबाइल एप भी अभी तक किसी भी ऐप स्टोर पर उपलब्ध नहीं है। यानी वेबसाइट एक्सेस हो जाना तकनीकी गड़बड़ी हो सकती है, लेकिन वास्तविक उपयोग की सुविधाएं पूरी तरह बंद ही हैं।
इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की भूमिका
सूत्रों ने यह भी बताया कि देश के इंटरनेट सेवा प्रदाता लगातार टिकटॉक की वेबसाइट और इसके अन्य सर्वरों को ब्लॉक कर रहे हैं। इसके बावजूद, यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि कुछ सीमित उपयोगकर्ताओं तक यह साइट क्यों और कैसे उपलब्ध हो गई। माना जा रहा है कि तकनीकी खामी, VPN या कैश सर्वर जैसी वजहों से कुछ समय के लिए साइट तक पहुँच संभव हुई होगी। इसी तरह, कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि चीन की ई-कॉमर्स साइट अलीएक्सप्रेस भी कभी-कभी उपयोगकर्ताओं के लिए खुल रही थी।
भारत-चीन रिश्तों के बीच संवेदनशील समय
यह पूरा घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है, जब भारत और चीन आपसी रिश्तों को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। 2020 की गलवां घाटी झड़पों के बाद दोनों देशों के संबंध काफी बिगड़ गए थे और व्यापारिक गतिविधियाँ भी प्रभावित हुई थीं। अब हाल ही में दोनों देशों ने सीमा पर शांति बनाए रखने, सीमा व्यापार को फिर से खोलने, निवेश बढ़ाने और हवाई कनेक्टिविटी बहाल करने जैसे कई कदम उठाने की घोषणा की है।
उच्च स्तरीय दौरे और कूटनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन के तियानजिन शहर में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले हैं। यह दौरा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के औपचारिक निमंत्रण पर हो रहा है। इससे पहले चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत आए थे और उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों को पटरी पर लाने की बात कही थी। वांग यी के दौरे से पहले भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी चीन जाकर बातचीत की थी। इन उच्च स्तरीय दौरों से संकेत मिलता है कि दोनों देश संबंधों में स्थिरता लाने की दिशा में गंभीर हैं।
2020 का बड़ा फैसला और पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख के गलवां क्षेत्र में हुई हिंसक झड़पों के बाद भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों की निजता को ध्यान में रखते हुए 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाया था। इन एप्स में टिकटॉक और अलीएक्सप्रेस भी शामिल थे। उस समय सरकार ने स्पष्ट किया था कि इन प्लेटफॉर्म्स ने भारत के कानूनों और उपयोग की शर्तों का उल्लंघन किया है। साथ ही, इनके जरिए उपयोगकर्ताओं के डाटा की सुरक्षा को खतरा था और इन्हें स्पाइवेयर या मैलवेयर के रूप में इस्तेमाल किए जाने की आशंका जताई गई थी।