मकान का कब्जा बचाने, मोदी-योगी को बनाया ‘द्वारपाल’

स्वतंत्र समय, सूरत

अयोध्या में हुई रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की तर्ज पर गुजरात में भी राम-मंदिर का उद्घाटन रखा गया था। अयोध्या का लक्ष्य करोड़ों भक्तों की भक्ति को सार्थक करना था, लेकिन गुजरात का मंदिर लोहा व्यापारी की जुगाड़ है। मकान का कब्जा नहीं टूटे, इसलिए राम-सीता-लक्ष्मण की मूर्ति लगवाई गई। द्वारपाल के तौर पर मोदी-योगी की मूर्ति भी लगवा दी। तोडऩा तो दूर… अब कोई आंख उठा कर नहीं देख सकता।
भरूच-अंकलेश्वर नगर निगम में आने वाले इस अवैध मकान की शिकायत कई दिनों से हो रही थी। लोहा व्यापारी मोहनलाल गुप्ता को भनक लग गई थी कि बुलडोजर चलने वाला है… उसने ठोस इंतजाम कर लिया। छत पर मंदिर बनवाया है। सुरक्षा-गार्ड की जगह पीएम मोदी और सीएम आदित्य नाथ की मूर्ति लगवा दी है। नगर निगम का कहना है कि हमने व्यापारी को सात दिन की मोहलत दी है। अगर वो कागज पेश कर देता है, तो कार्रवाई नहीं होगी। शिकायत करने वाले मनसुख रखासिया का कहना है कि व्यापारी हमें धमका रहा है। खुद को भाजपा का नेता बताता है। गुप्ता का कहना है कि मैंने ये घर जितेंद्र ओझा से खरीदा था। निर्माण से पहले सारी औपचारिकता पूरी कर ली थी। दशक पहले यह इलाका गढख़ोल ग्राम पंचायत में आता था। अब नगर निगम में चला गया है। अगर किसी नियम-कायदे में चूक हुई है, तो सुधार कर लूंगा। ये आरोप गलत है कि कब्जा बचाने के लिए मैंने मूर्तियां लगवाई हैं। राम-लक्ष्मण का भक्त हूं। मोदी-योगी का चाहने वाला हूं। मुझसे जलने वालों ने शिकायत की है। मीडिया में भी यही लोग गलत बातें फैला रहे हैं। जिस रिद्धि-सिद्धि सोसायटी में मकान है, वहां मेरी तरह कई निर्माण हैं… उन्हें तो नोटिस नहीं दिया गया। मुझे क्यों परेशान किया जा रहा है। मामले की शिकायत सीएम भूपेंद्र पटेल तक की गई है। गढक़ोल पंचायत की सरपंच (तब की) मंजू बेन पटेल का कहना है कि हमने सब काम नियम-कायदे से किया है… अभी जो हो रहा है, उसके बारे में कुछ नहीं कह सकती।