इंदौर के लाल बाग पैलेस में आयोजित लोकोत्सव 2024 का आज अंतिम दिन है। पिछले छह दिनों से चल रहे इस कला और शिल्प महोत्सव ने इंदौरवासियों समेत देशभर के पर्यटकों का दिल जीत लिया। अनंत जीवन सेवा एवं शोध समिति द्वारा आयोजित इस महोत्सव में देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों ने अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक और शिल्प विरासत को प्रस्तुत किया। कपड़ों से लेकर साज-सज्जा के सामान, और पीतल की आकर्षक मूर्तियों से लेकर बांस के अनोखे खिलौनों तक, हर वस्तु ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इस महोत्सव ने न केवल लोक कला और शिल्प को बढ़ावा दिया, बल्कि स्थानीय कलाकारों और कारीगरों को अपने हुनर को प्रदर्शित करने का अनोखा मंच भी प्रदान किया। कार्यक्रम के छठे दिन बाड़मेर से आए मांगणियार एवं लंगा कला के लोक कलाकारों द्वारा खास प्रस्तुति दी गई।
लोकोत्सव 2024 के आयोजक अनंत जीवन सेवा एवं शोध समिति, इंदौर की ओर से जय कुमरावत और ज्योति कुमरावत ने कहा, “आज लोकोत्सव 2024 का आखिरी दिन है। पिछले छः दिनों में हमने मेहमानों को हर संभव तरीके से बेहतर देने का प्रयास किया है और हमें खुशी है कि हम इन प्रयासों में सफल रहे। चाहे वह शिल्प हो व्यंजन हो सांस्कृतिक कार्यक्रम हो या फिर कला हमने अपने मेहमानों को एक यादगार अनुभव दिया है। लोगों को पीतल से बनी मूर्तियां, बर्तन और कलाकृतियों खूब पसंद आई। वहीं बांस से बने साज सज्जा के सामान मेज, कुर्सी आदि ने लोगों को खूब लुभाया। संगमरमर से बने आर्टिकल्स ने लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया। लोकोत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों, पारंपरिक व्यंजनों और विविध प्रकार की कार्यशालाओं ने भी लोगों को आकर्षित किया। इस आयोजन ने न केवल खरीदारी के लिए, बल्कि संस्कृति और कला के प्रति रुचि रखने वाले लोगों के लिए भी एक खास अनुभव प्रदान किया। लोकोत्सव 2024 को जनता से जो अद्भुत प्रतिक्रिया मिली, वह हमारे प्रयासों को सार्थक बनाती है। अगले साल इसे और भी बड़े स्तर पर आयोजित करने की योजना है। लोकोत्सव 2024 ने यह साबित कर दिया कि भारत की लोक कला और शिल्प आज भी लोगों के दिलों में गहरी जगह बनाए हुए हैं। इस आयोजन को सफल बनाने के लिए जिन सभी की महती भूमिका रही, उन सभी का आभार; खास धन्यवाद हमारे मेहमानों का जिन्होंने आयोजन को सफल बनाया।”