आज, 4 अगस्त 2025 को सावन मास का अंतिम सोमवार है। यह दिन भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत विशेष और फलदायी माना गया है। इस पवित्र दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग, ब्रह्म योग और इंद्र योग जैसे तीन अत्यंत शुभ योग बन रहे हैं। इन योगों में भगवान शिव की पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध आदि अर्पित कर विशेष फल की प्राप्ति की जा सकती है। यह सोमवार सावन की पूर्णिमा से ठीक पहले का अंतिम सोमवार है, और इसके बाद 9 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ सावन पूर्णिमा आएगी, जिससे सावन माह का समापन हो जाएगा।
सावन सोमवार को इन बातों का अवश्य रखें ध्यान
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ पूजा करना ही काफी नहीं है, बल्कि उनकी पूजा के दिन कुछ खास नियमों और सावधानियों का पालन भी करना चाहिए। सावन सोमवार का व्रत करने वाले व्यक्तियों को यह ध्यान रखना चाहिए कि दिन भर अपने व्यवहार में संयम और शुद्धता बनाए रखें। किसी से झूठ बोलना, कटु भाषा का प्रयोग करना या दूसरों को अपमानित करना इस दिन वर्जित माना जाता है। मन, वचन और कर्म से पवित्र रहना इस व्रत की सफलता के लिए आवश्यक है।
इन रंगों के कपड़े पहनने से करें परहेज
सावन सोमवार के दिन विशेष रूप से काले, नीले और गहरे ग्रे रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। ये रंग भगवान शिव की पूजा के लिए अशुभ माने जाते हैं। पूजा के दौरान सफेद, हल्के गुलाबी, क्रीम, या हल्के पीले रंग के वस्त्र पहनना सबसे शुभ माना गया है। हल्के और सात्विक रंग भगवान शिव की कृपा पाने में सहायक होते हैं और मन को भी शांति प्रदान करते हैं।
शिव पूजा में इन चीजों का न करें प्रयोग
सावन सोमवार को शिवलिंग पर जलाभिषेक करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें। शिवलिंग पर कभी भी सिंदूर, हल्दी, तुलसी या केतकी के फूल अर्पित नहीं करने चाहिए, क्योंकि ये वस्तुएं भगवान शिव को अर्पित करने के योग्य नहीं मानी जाती हैं। शिव जी की पूजा में शुद्ध जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, भस्म, और सफेद फूल अर्पित करना उचित रहता है।
शंख से जल चढ़ाना वर्जित क्यों है?
सावन सोमवार को शंख से शिवलिंग पर जल चढ़ाना वर्जित माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, शंख समुद्र से उत्पन्न हुआ था और यह भगवान विष्णु का प्रतीक है। वहीं शिव और विष्णु की पूजा की विधियां भिन्न हैं। इसलिए शंख से जल चढ़ाना शिव पूजा में निषेध है। इसके बजाय तांबे या स्टील के लोटे से जल चढ़ाना उचित रहता है।
व्रत के दिन इन आदतों से बचें
जो व्यक्ति सावन सोमवार का व्रत रखते हैं, उन्हें दिन में सोने से परहेज करना चाहिए। इस दिन अधिक से अधिक समय भगवान शिव की स्तुति, मंत्र जप, और पाठ में लगाएं। इसके अलावा, इस दिन घर में तामसिक चीजें जैसे मांस, मछली, लहसुन, प्याज आदि लाना और उनका सेवन पूरी तरह वर्जित माना जाता है। सात्विक भोजन ही ग्रहण करें और पूजा में मन लगाएं।
शिवलिंग पर नारियल अर्पित करना क्यों वर्जित है?
बहुत से लोग शिवलिंग पर नारियल चढ़ा देते हैं, लेकिन यह परंपरा के अनुसार सही नहीं है। नारियल भगवान शिव को नहीं चढ़ाया जाता, क्योंकि यह देवी शक्ति का प्रतीक माना जाता है। नारियल भगवान गणेश या देवी को अर्पित करना श्रेष्ठ होता है। शिवलिंग पर नारियल चढ़ाना पूजा की विधि के विरुद्ध है।
आज जलाभिषेक के लिए विशेष मुहूर्त
सावन के इस अंतिम सोमवार को जलाभिषेक के लिए खास मुहूर्त बनाए गए हैं। यदि ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करना संभव न हो, तो आप इन शुभ समयों में भी शिवलिंग पर जल चढ़ा सकते हैं:
• अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 02:42 बजे से दोपहर 03:36 बजे तक
• अमृत काल: शाम 05:47 बजे से शाम 07:34 बजे तक
इन मुहूर्तों में भगवान शिव पर जल अर्पित करने से विशेष फल मिलता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, शांति, और सुख-समृद्धि का आगमन होता है।