इंदौर राजवाड़ा में आज झलकेगा शाही अंदाज़, आम लोग देख सकेंगे पारंपरिक दरबार, देर रात तक रहेगा खुला महल

बुधवार को इंदौर का ऐतिहासिक राजवाड़ा महल एक विशेष अवसर पर देर रात तक आम जनता के दर्शन हेतु खुला रखा गया है। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रीमंडल की बैठक यहां पारंपरिक दरबार स्वरूप में आयोजित की गई, जिसे देखने के लिए लोगों में भारी उत्सुकता देखी जा रही है।

मराठा शौर्य और संस्कृति की प्रतीक धरोहर

राजवाड़ा महल न केवल एक स्थापत्य चमत्कार है, बल्कि यह मराठा साम्राज्य और हिंदू राजपरंपराओं की अमिट छवि है। इसे एक बार फिर उसी भव्यता और गौरव के साथ सजाया गया है, जैसा कि पेशवा और होलकर काल में देखने को मिलता था।

बैठक बनी परंपरा और संस्कृति की मिसाल

कैबिनेट बैठक का आयोजन पूरी तरह से शाही अंदाज में हुआ – पारंपरिक दरबारी सिंहासन, भव्य मंडप और सांस्कृतिक सजावट ने वातावरण को ऐतिहासिक बना दिया। इस आयोजन ने न केवल प्रशासनिक, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी मिसाल कायम की है।

भोजन और वस्त्रों में भी दिखी भारतीयता

मंत्रियों और अधिकारियों को शुद्ध शाकाहारी व्यंजन कांसे के थालों में परोसे गए। सभी प्रतिभागी पारंपरिक पोशाक जैसे धोती, कुर्ता और अंगवस्त्र पहनकर कार्यक्रम में शामिल हुए, जिससे आयोजन पूर्णतः भारतीय संस्कृति की छाया में हुआ।

राजवाड़ा परिसर को मंदिर जैसा सजाया गया

महल का पूरा परिसर – मुख्य द्वार, उद्यान और सभा स्थल – फूलों, दीपों और पारंपरिक सजावट से सुसज्जित किया गया। यह नजारा किसी भव्य धार्मिक उत्सव जैसा प्रतीत हो रहा था, जो श्रद्धा और गौरव का भाव पैदा करता है।

प्रशासन की खास पहल से जनता को मिला अवसर

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने जानकारी दी कि कैबिनेट बैठक को लेकर लोगों में गहरी दिलचस्पी को देखते हुए, महल को आज देर रात तक खुले रखने का निर्णय लिया गया है। सामान्यतः यह सुबह 10 से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।

हिंदू परंपरा से जुड़ा प्रशासनिक आयोजन

यह केवल एक प्रशासनिक सभा नहीं थी, बल्कि यह आयोजन दर्शाता है कि सरकार भी अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़कर निर्णय ले सकती है। राजवाड़ा की मिट्टी में बैठकर लिए गए निर्णय हिंदू सांस्कृतिक गरिमा को नई पहचान देते हैं।

ऐसे आयोजन पहले भी बना चुके हैं आकर्षण का केंद्र

इससे पहले ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में हुए इन्वेस्टर समिट और एनआरआई मीट में भी शहरवासियों की भीड़ उमड़ी थी। इसी तरह आज भी हजारों लोग राजवाड़ा में इस ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बनने पहुंचे हैं।