Petrol-Diesel Price: लीजिए नए साल से पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी बदलाव, जानें आपके शहर में क्या है लेटेस्ट रेट

Petrol-Diesel Price: ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का असर देश में पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों पर देखा जा रहा है। सरकारी तेल कंपनियों ने बुधवार सुबह नई दरें जारी कीं, जिनमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा समेत कई राज्यों में तेल के दाम बदले गए हैं।

प्रमुख बदलाव

• नोएडा और गाजियाबाद: तेल की कीमतों में कमी दर्ज की गई है।
• गुरुग्राम: तेल की कीमतें बढ़ी हैं।
• दिल्ली और चार महानगर (मुंबई, चेन्नई, कोलकाता): पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

तेल की कीमतों में यह बदलाव रोज़ाना सुबह 6 बजे जारी किए जाते हैं और स्थानीय कर (VAT) के आधार पर विभिन्न राज्यों और शहरों में अलग-अलग हो सकते हैं।

चारों महानगरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें 

• दिल्ली: पेट्रोल 96.65 रुपये, डीजल 89.82 रुपये प्रति लीटर
• मुंबई: पेट्रोल 106.31 रुपये, डीजल 94.27 रुपये प्रति लीटर
• चेन्नई: पेट्रोल 102.63 रुपये, डीजल 94.24 रुपये प्रति लीटर
• कोलकाता: पेट्रोल 106.03 रुपये, डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर

कुछ अन्य शहरों में बदलाव

• गाजियाबाद: पेट्रोल 94.71 रुपये, डीजल 87.81 रुपये प्रति लीटर
• नोएडा: पेट्रोल 94.58 रुपये, डीजल 87.67 रुपये प्रति लीटर
• गुरुग्राम: पेट्रोल 95.25 रुपये, डीजल 88.10 रुपये प्रति लीटर

यह कीमतें रोजाना तेल कंपनियों द्वारा अपडेट की जाती हैं और स्थानीय करों के आधार पर अलग-अलग होती हैं। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हर दिन सुबह 6 बजे बदलाव होता है, और नए रेट उसी समय से लागू हो जाते हैं। इन कीमतों में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन, वैट और अन्य टैक्सेस जैसी विभिन्न अतिरिक्त लागतों को जोड़ा जाता है। इन सभी लागतों के कारण, पेट्रोल और डीजल की कीमतें मूल कच्चे तेल की कीमत से कहीं अधिक हो जाती हैं, जिससे यह दाम लगभग दोगुने दिखाई देते हैं।

इस प्रक्रिया में कई कारक शामिल होते हैं, जैसे

1. कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत: यह प्रमुख निर्धारक है, जो रोज़ाना बदलता रहता है।
2. केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए टैक्स (Excise Duty): यह कच्चे तेल की कीमत में काफी बढ़ोतरी कर देता है।
3. राज्य सरकारों द्वारा लागू किए गए वैट: राज्य-विशिष्ट टैक्स भी स्थानीय कीमतों को प्रभावित करते हैं।
4. डीलर कमीशन: पेट्रोल पंपों को दिए जाने वाले कमीशन का भी असर होता है।

इसलिए, जबकि कच्चे तेल की कीमत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, उपभोक्ताओं को अंतिम मूल्य में कई अन्य घटकों का भी असर दिखाई देता है।