भोपाल के यात्रियों के लिए राहत भरी खबर आई है। करीब एक साल से बंद पड़ा टीआर-4 रूट आखिरकार आज से फिर शुरू हो गया है। अब एम्स से लेकर चिरायु अस्पताल, भैंसाखेड़ी तक सीधी बस सेवा शुरू कर दी गई है। शुरुआत में इस रूट पर 10 से 15 सीएनजी बसें चलाई जा रही हैं। इससे शहर में लो-फ्लोर बसों की संख्या बढ़कर 70 हो गई है, जो पहले 60 थी। नगर निगम के अनुसार, नवंबर के अंत तक और 60 नई बसें सड़कों पर उतरेंगी, जिससे शहर में कुल 130 लो-फ्लोर बसें चलने लगेंगी। इससे रोजाना हजारों यात्रियों को बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा मिलेगी।
एम्स से चिरायु तक फिर शुरू हुआ सफर, नया करार बना बदलाव की शुरुआत
नगर निगम कमिश्नर संस्कृति जैन ने बताया कि भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (BCLL) ने बस संचालन के लिए इन्यूवेट कंपनी के साथ नया समझौता किया है। इससे टीआर-4 रूट को फिर से शुरू करने में सफलता मिली है। गौरतलब है कि साल 2013 में जब शहर में लो-फ्लोर बस सेवा की शुरुआत हुई थी, तब रोजाना करीब 368 बसें सड़कों पर चलती थीं और लगभग डेढ़ लाख यात्री उनका उपयोग करते थे। लेकिन प्रशासनिक लापरवाही और पुराने ऑपरेटरों के विवादों के कारण धीरे-धीरे बसों की संख्या घटकर मात्र 60 रह गई थी। अब निगम ने नई नीति के तहत यह तय किया है कि आगे से केवल सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें ही शहर में चलाई जाएंगी।
डीजल बसों की उलटी गिनती शुरू, 2027 तक पूरी तरह बैन
भोपाल नगर निगम ने अब पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए डीजल बसों को अलविदा कहने की योजना तैयार की है। निगम का लक्ष्य है कि वर्ष 2027 तक शहर की सड़कों से सभी डीजल बसें हटाई जाएं। फिलहाल गांधी नगर से अयोध्या नगर, ईदगाह हिल्स से एम्स और कई अन्य पुराने रूट लंबे समय से बंद हैं। निगम इन रूटों पर भी चरणबद्ध तरीके से बस सेवा बहाल करेगा, जिससे शहर के हर कोने को फिर से पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जोड़ा जा सके।
ई-बसों से बदलेगा शहर का ट्रांसपोर्ट सिस्टम
निगम की योजना के अनुसार अगले साल तक भोपाल में 195 नई इलेक्ट्रिक बसें (E-Buses) शामिल की जाएंगी। इसके लिए दो बड़े चार्जिंग डिपो बनाए जा रहे हैं — पहला बैरागढ़ में और दूसरा कस्तूरबा नगर में। दोनों डिपो में 100-100 बसों की चार्जिंग की सुविधा होगी। अधिकारियों के मुताबिक, अप्रैल 2026 से पहली खेप ई-बसों की आ जाएगी, जुलाई तक 100 और बसें शामिल होंगी, और वर्ष 2026 के अंत तक सभी 195 बसें पूरी तरह संचालन के लिए तैयार होंगी। इससे शहर का ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर्यावरण अनुकूल और तकनीकी रूप से आधुनिक बन जाएगा।
हरियाली और सुविधा का संगम बनेगा भोपाल
सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों की शुरुआत के साथ भोपाल देश के उन चुनिंदा शहरों में शामिल हो जाएगा, जो पब्लिक ट्रांसपोर्ट में पूरी तरह ग्रीन टेक्नोलॉजी की ओर बढ़ रहे हैं। यात्रियों को न केवल आरामदायक सफर मिलेगा, बल्कि प्रदूषण में भी बड़ी कमी आएगी। निगम अधिकारियों का कहना है कि नई बसों में GPS, CCTV और स्मार्ट टिकटिंग सिस्टम जैसी सुविधाएं दी जाएंगी ताकि यात्रा सुरक्षित और सुविधाजनक हो सके।