इंदौर में Transfer fraud महिला ने खुद ही कर लिया Forest Department से अपना भोपाल ट्रांसफर

Transfer fraud- इंदौर वन विभाग में एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर एक महिला कर्मचारी ने तबादले के लिए फर्जी साइन वाला अनुशंसा पत्र तैयार कर बड़े अफसरों भेज कर अपनी खुद की सिफारिश करवा ली। जैसे ही मामला उजागर हुआ Forest Department में हड़कंप मच गया।

इस मामले की जैसे ही भनक लगी उसके बाद विभागीय बाबू (महिला कर्मचारी) ने हंगामा खड़ा कर दिया जिसमें उन्होने कहा कि विभागीय तौर पर उसने कोई हस्ताक्षर नहीं किए हैं और ना ही विभाग में यह लेटर तैयार हुआ है। इसके बाद विभागिय बाबु ने कार्रवाई के लिए एक लिखित शिकायत भी कर दी है।

पीड़िता बाबु ने दावा किया है कि उसके फर्जी साइन से यह लेटर तैयार हुआ है। शिकायत होते ही अधिकारी हैंरत में पड़ गए। इसके बाद वन विभाग के डीएफओ प्रदीप शर्मा ने मामले को निर्देश देकर एसडीओ संदीप गौतम को जांच सौंपी है। यहीं बताया जाता है कि संदीप गौतम की जांच भी गोलमोल होने की संभावना है क्यौकि एसडीओपी संदीप गौतम भी कभी विवादों मे रह चुके है।

घर पर ही तैयार हो गया ट्रांसफर लेटर

दरअसल, वन विभाग में सामाजिक वानिकी वृत इंदौर के खंडवा रोड स्थित कार्यालय में फर्जी हस्ताक्षर करने का मामला सामने आया है। यहां कार्यालय में पदस्थ स्टाफ एक महिला कर्मचारी ने तबादले के लिए बाबू की जानकारी के बिना अपने घर पर ही लेटर तैयार कर लिया और उस पर महिला कर्मचारी (बाबू) के फर्जी हस्ताक्षर कर लिए। महिला ने वन विभाग में इंदौर से भोपाल के तबादले के लिए यह लेटर तैयार किया था और उस पर बड़े अधिकारियों से अनुशंसा भी करवा ली।
लेटर अधिकारियों की अनुशंसा से और बड़े स्तर पर फारवर्ड कर दिया। जैसे ही इसकी भनक विभाग की स्टाफ महिला कर्मचारी बाबू को लगी तो उसने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि उसने कोई चिट्ठी जारी ही नहीं की।

 हैंड राइटिंग एक्सपर्ट से ली जाएंगी राय

जानकारी के अनुसार महिला वन विभाग के अंतर्गत इंदौर से भोपाल में तबादला करवाना चाहती थी। उसने पहले प्रयास भी किए थे, लेकिन जब बात नहीं बनी तो उसने खुद ही तबादले के लिए विभागीय अनुशंसा लेटर बना लिया। लेटर में खुद को सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी बताते हुए तबादला करने की भी वन विभाग की ओर से अनुशंसा कर दी। अब फर्जी लेटर की जांच की जा रही है। करीब एक सप्ताह से एसडीओ संदीप गौतम इसकी जांच कर रहे हैं। फिलहाल बयान लिए जा रहे हैं, जिसके बाद तकनीकी साक्ष्य एकत्रित किए जाएंगे। इस मामले में हैंड राइटिंग एक्सपर्ट सेभी राय ली जा सकती है।

फर्जी हस्ताक्षर मामले की जांच शुरू

एसडीओ संदीप गौतम ने मीडियो को बताया  कि विभाग में पदस्थ एक महिला कर्मचारी (बाबू) ने लिखित में शिकायत की थी कि फर्जी हस्ताक्षर का उपयोग फर्जी लेटर में किया गया है। ऐसी कोई चिट्ठी विभाग से और मेरे हस्ताक्षर से जारी नहीं की गई है। इस मामले की जांच की जा रही है। इसके बाद जांच के तथ्य बड़े अधिकारियों को भेजी जाएंगी।  जिसके बाद दोषी के खिलाफ विभागात्मक कार्रवाई होगी।