कश्मीर को यूं ही ‘धरती का स्वर्ग’ नहीं कहा जाता। हर मौसम में यह वादी अपनी अलग खूबसूरती दिखाती है, लेकिन जून-जुलाई के महीने में जो नजारा यहां दिखता है, वो सच में किसी जन्नत से कम नहीं होता। इस समय कश्मीर की घाटियां रंग-बिरंगे फूलों के गलीचों से ढकी होती हैं, हर तरफ हरियाली और रंगीन नज़ारे होते हैं। जो भी यहां आता है, वह कुदरत की इस कला को देखकर दंग रह जाता है।
गुलमर्ग की फूलों से सजी घाटी
इस मौसम में गुलमर्ग का नजारा सबसे खास होता है। बर्फ पिघल चुकी होती है और उसकी जगह ले लेते हैं लाखों रंग-बिरंगे फूल। बटर कप, ब्लू पॉपी, डेज़ी, और वाइल्ड ट्यूलिप्स जैसे फूल मैदानों को ढक लेते हैं। फूलों से भरी यह वादी एक चलते-फिरते पोस्टकार्ड जैसी लगती है। यहां की हवा भी ताजी और खुशबू से भरी होती है। लोग यहां घुड़सवारी, ट्रेकिंग और फोटोशूट का मजा लेने आते हैं।
सोनमर्ग में खुलते हैं रंगीन नज़ारे
सोनमर्ग यानी “सोने की घाटी” भी इन दिनों में बहुत खूबसूरत लगती है। यह इलाका वैसे तो बर्फ से ढका होता है, लेकिन जून-जुलाई में बर्फ कुछ कम हो जाती है और जगह-जगह से हरे मैदान और रंग-बिरंगे फूल झांकने लगते हैं। सिंध नदी की कलकल बहती धारा, आसमान को छूते पहाड़ और उनके बीच खिले फूल इस घाटी को किसी पेंटिंग जैसा बना देते हैं।
युसमर्ग और डूडपथरी – शांत और सुरम्य घाटियां
अगर आप भीड़ से दूर किसी शांत और सुरम्य जगह की तलाश में हैं, तो युसमर्ग और डूडपथरी इस समय बहुत अच्छे ऑप्शन हैं। इन जगहों पर पर्यटन कम है लेकिन प्राकृतिक सुंदरता भरपूर है। इन वादियों में घास के हरे मैदानों के बीच खिलते छोटे-छोटे जंगली फूल दिल को बहुत सुकून देते हैं। ट्रैकिंग करने वालों के लिए यह मौसम परफेक्ट होता है क्योंकि मौसम खुशगवार रहता है और दृश्य बेहद शानदार।
ट्यूलिप गार्डन का मौसम भले खत्म हो, लेकिन…
श्रीनगर का मशहूर इंदिरा गांधी ट्यूलिप गार्डन अप्रैल में खुलता है और कुछ हफ्तों तक ही रहता है, लेकिन कश्मीर की दूसरी घाटियों में जून-जुलाई में जंगली फूलों की बहार देखने को मिलती है। ये फूल खुद कुदरत उगाती है और बिना किसी सजावट के घाटियों को रंगीन बना देते हैं।