ट्रेन से सफर करना होगा महंगा, 1 जुलाई से AC और स्लीपर टिकट की कीमत में होगी बढ़ोतरी, जानें नई अपडेट

भारतीय रेलवे 1 जुलाई 2025 से एक नया किराया टैरिफ लागू करने जा रही है, जिससे यात्रियों की जेब पर असर पड़ेगा। इस नए टैरिफ के ज़रिए रेलवे को सालाना लगभग ₹990 करोड़ की अतिरिक्त कमाई का लक्ष्य है। हालांकि, रेलवे की ओर से इस बारे में अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे ने पिछली बार किराया 1 जनवरी 2020 को बढ़ाया था। तब से अब तक कोई संशोधन नहीं हुआ था।

AC क्लास और स्लीपर बोगी में सफर होगा महंगा

रेलवे के इस नए टैरिफ के अनुसार:
• AC क्लास (AC First/Second/Third) में यात्रा करने वालों को प्रति किलोमीटर 2 पैसे ज्यादा देने होंगे।
• मेल/एक्सप्रेस की स्लीपर क्लास में सफर करने वाले यात्रियों के लिए 1 पैसा प्रति किलोमीटर का इज़ाफा किया गया है।
• जनरल द्वितीय श्रेणी में यदि यात्रा 500 किलोमीटर से कम है, तो कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। लेकिन 500 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पर प्रति किलोमीटर 0.5 पैसे का अतिरिक्त किराया देना होगा।

शहरी ट्रेनों और मासिक पास पर कोई असर नहीं

रेलवे ने यह स्पष्ट किया है कि शहरी/मास ट्रांजिट (Suburban Trains) ट्रेनों के किराए में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसी तरह मासिक सीजन टिकट (Monthly Season Tickets) की दरें भी यथावत रहेंगी। इसका लाभ खासकर रोजाना अप-डाउन करने वाले यात्रियों को मिलेगा।

प्रमुख मार्गों पर किराया बढ़ोतरी का असर

• भोपाल से दिल्ली (700 किलोमीटर): वर्तमान में AC3 का किराया ₹1090 है, जो 14 रुपए तक बढ़ सकता है।
• वाराणसी से मुंबई (स्लीपर): किराया ₹575 से बढ़कर ₹590 हो जाएगा।
• भुवनेश्वर से कन्याकुमारी (जनरल कोच): करीब 11 रुपए की वृद्धि होगी।

रेलवे सब्सिडी घाटा कम करेगी, सेवाएं सुधारेगी

रेलवे ने 2025-26 के बजट में यात्री राजस्व का अनुमान तय किया है। नई किराया नीति से प्राप्त ₹990 करोड़, रेलवे के सब्सिडी घाटे को कम करने में मदद करेगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि रेलवे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर ₹1.38 खर्च करती है, लेकिन बदले में सिर्फ ₹0.71 की ही वसूली कर पाती है। ऐसे में घाटे की भरपाई के लिए यह कदम जरूरी हो गया है।

रेलवे की आय के प्रमुख स्रोत

भारतीय रेलवे की कुल आय का 90% हिस्सा मालगाड़ी और यात्री ट्रेनों से आता है। बाकी 10% आय रिटायरिंग रूम किराए, पुल टोल, ज़मीन पट्टे, और स्टेशन सेवाओं से आती है। साल 2023-24 में रेलवे ने ₹2.56 लाख करोड़ कमाए, जबकि खर्च ₹2.52 लाख करोड़ रहा, जिससे ₹3,000 करोड़ से अधिक का लाभ दर्ज किया गया। हालांकि, CAG की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में यात्री खंड में ₹68,269 करोड़ का घाटा था।

वेटिंग टिकट कन्फर्मेशन में भी बड़ा बदलाव

रेलवे ने वेटिंग टिकट को लेकर भी एक नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। अब तक यात्रियों को यह जानकारी यात्रा से करीब 4 घंटे पहले मिलती थी कि टिकट कन्फर्म हुआ या नहीं। लेकिन अब रेलवे ने फैसला किया है कि ट्रेन चार्ट यात्रा शुरू होने से 24 घंटे पहले ही जारी किया जाएगा। इसका पायलट प्रोजेक्ट 6 जून से बीकानेर डिविजन में शुरू किया गया है। अगर ट्रायल सफल रहा, तो इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।

किराया बढ़ोतरी से यात्री होंगे सतर्क, लेकिन सेवाओं में भी होगा सुधार

हालांकि किराए में की गई ये वृद्धि मामूली है, लेकिन इसका असर दूरगामी होगा। इससे एक ओर रेलवे को घाटा कम करने में मदद मिलेगी, वहीं यात्रियों को बेहतर सेवाएं और सुविधाएं मिल सकेंगी। वेटिंग टिकट की समयपूर्व पुष्टि जैसी सुविधाएं यात्रियों को यात्रा की बेहतर योजना बनाने में मदद करेंगी।