ज्योतिर्विद डॉ रामकृष्ण डी. तिवारी
इंदौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन एवं जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष पी.के. शुक्ला के निधन पर उनकों भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए ज्योतिर्विद डॉ रामकृष्ण डी. तिवारी ने अपने संस्मरण बताते हुए बताया कि
“आदरणीय भैया जी श्री पी. के. शुक्ला से मेरा दो दशक से अधिक समय बहुत निकटता से रहा। परंतु अंतिम कुछ व्यस्तताओं के कारण मुलाकात भी नहीं हो पाई। उनके अवसान की सूचना से मन व्यथित हो गया। शुक्ला जी के संपर्क में आए प्रत्येक जन के सम्मान- यश-प्रतिष्ठा-अधिकार- अर्थ की बढ़ोतरी में उनकी भूमिका लिफ्ट के समान थी। भैया जितने अच्छे वक्ता थे उतने ही अच्छा श्रोता भी थे। वे नईदुनिया में मेरे स्तंभ को गंभीरता से पढ़ते थे। कई बार मुझे सलाह व सुझाव भी देते थे।”
हम कई बार उनकी कार में बैठे-बैठे रात्रि के अंतिम प्रहर तक चर्चा करते थे और समय का भान भी नहीं होता था। अपने कार्य के लिए जिस व्यक्ति पर भरोसा करते थे उसे अंधविश्वास भी कहा जा सकता है। उनका मानना था कि हमारा अपना यदि विश्वासघात करें तो फिर ईश्वर को भी आपको बचाने के लिए विशेष प्रयास करना होंगे।
उनके कई संस्मरण अमिट यादों में है। यहां एक का उल्लेख करने से मैं अपने आप को रोक नहीं पा रहा हूं। उनके नए गृहप्रवेश का मुहूर्त का दिन तय हुआ। तय दिन को उनकी कोई सूचना नहीं मिली जब मैं उनसे रात्रि को मिला तो उन्होंने कहा आप आए नहीं तो मुहूर्त कैसे फिर बात हुई की अभी तिथि व नक्षत्र वहीं है। तो हमने रात्रि को ताबड़तोड़ में प्रवेश व हवन किया।
उस समय उनकी टीम के सहयोगी श्री राजेश जैन साहब, श्री संजय जैन, चौहान साहब, राठौर जी आदि के साथ मिलना एक परिवार सा था। भैया मेरे से आयु में बड़े थे परंतु उनका व्यवहार सदेव मित्रवत था। यह घटना मेरे लिए अपने अपूरणीय क्षति है। प्रभु से मेरी प्रार्थना है कि उनकी आत्मा का कल्याण करें।