त्रिपुंड और शेषनाग धारण कर सजे Mahakal

स्वतंत्र समय, उज्जैन

श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल ( Mahakal ) भस्म आरती के दौरान शनिवार सुबह 4 बजे जहां बाबा महाकाल का भांग से आलौकिक स्वरूप में शृंगार किया गया। भस्म आरती में चारों ओर ‘श्री महाकालेश्वर तव शरणम’ की गूंज गुंजायमान हुई। जिसने भी इन दिव्य दर्शनों का लाभ लिया वह देखते ही रह गया।

बाबा Mahakal का आलौकिक श्रृंगार

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि पौष माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि शनिवार पर बाबा महाकाल ( Mahakal ) सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। जिसके बाद सबसे पहले भगवान को गर्म जल से स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया गया। बाबा महाकाल का आभूषण से आलौकिक शृंगार किया गया। जिसके बाद फिर पूजन अर्चन के बाद बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा भस्म रमाई गई। भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का ऐसा शृंगार देख सभी अभिभूत हो गए।

बाबा के भक्त ने रजत मुकुट का दान दिया

श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्री महाकालेश्वर भगवान को महाराष्ट्र के मुंबई से पधारे भारत सिंह कैलावत द्वारा पुजारी भारत शर्मा की प्रेरणा से 1 नग चांदी का मुकुट भेंट किया। जिसे श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्राप्त पर दानदाता का सम्मान किया जाकर विधिवत रसीद प्रदान की गई। यह जानकारी मंदिर प्रबंध समिति की कोठार शाखा द्वारा दी गई।