Indore/Bhopal News : मध्य प्रदेश के विवादित आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा एक बार फिर गंभीर कानूनी मुश्किलों में घिरते नजर आ रहे हैं। एक महिला से जुड़े पुराने मामले को खत्म कराने के लिए कथित तौर पर फर्जी अदालती आदेश बनवाने के मामले में हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने पुलिस को विस्तृत जांच की प्रशासनिक मंजूरी दे दी है।
इस फैसले के बाद वर्मा की लंबे समय से प्रतीक्षित पदोन्नति पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। सूत्रो के मुताबिक ये मामला सालों पुराना है, लेकिन हाईकोर्ट के इस नए आदेश ने इसे फिर से जिंदा कर दिया है। अगर जांच में वर्मा की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनकी नौकरी पर भी खतरा आ सकता है।
क्या है फर्जी कोर्ट ऑर्डर का मामला?
आरोपों के मुताबिक, संतोष वर्मा ने अपने खिलाफ चल रहे एक आपराधिक मामले को खत्म दिखाने के लिए 6 अक्टूबर 2020 का एक फर्जी कोर्ट ऑर्डर तैयार करवाया था। इस आदेश में तत्कालीन जज विजयेन्द्र सिंह रावत के हस्ताक्षर और कोर्ट की मुहर भी लगी थी। हालांकि, जांच में यह बात सामने आई कि जिस तारीख का यह आदेश था, उस दिन जज रावत छुट्टी पर थे। बाद में इसी जज को निलंबित कर शहडोल जिले के बुरहार में स्थानांतरित कर दिया गया था।
इस फर्जीवाड़े को लेकर 27 जून 2021 को एमजी रोड थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ IPC की धारा 120B, 420, 467, 468, 471 और 472 के तहत केस दर्ज हुआ था। जिला अभियोजन अधिकारी ने जो स्कैन कॉपी पेश की थी, उसमें हस्ताक्षर अपठनीय थे और मूल रिकॉर्ड भी गायब था। अब हाईकोर्ट की मंजूरी के बाद पुलिस इस पूरे मामले की नए सिरे से गहन तफ्तीश करेगी।
महिला ने लगाए थे ये गंभीर आरोप
यह पूरा विवाद 2016 में एक महिला द्वारा लसूड़िया थाने में दर्ज कराई गई FIR से शुरू हुआ था। महिला ने आरोप लगाया था कि संतोष वर्मा से उसकी जान-पहचान 2010 में हुई थी। वर्मा ने शादी का झूठा वादा कर धार के रिद्धिनाथ मंदिर में उससे गुप्त रूप से शादी की। महिला का आरोप है कि जब उसे वर्मा के पहले से शादीशुदा होने का पता चला और उसने विरोध किया, तो उसके साथ मारपीट की गई और दो बार जबरन गर्भपात कराया गया।
महिला की शिकायत पर पुलिस ने वर्मा के खिलाफ IPC की धारा 493 (धोखे से शादी), 494 (पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी), 495 (पिछली शादी छिपाकर शादी करना), 323 (मारपीट), 294 और 506 के तहत मामला दर्ज किया था। वर्मा पर इसी केस से बचने के लिए फर्जी आदेश बनवाने का आरोप है।
विवादों से पुराना नाता
संतोष वर्मा का नाम विवादों में आना कोई नई बात नहीं है। हाल ही में वह आरक्षण के मुद्दे पर ब्राह्मण समाज की बेटियों को लेकर की गई एक कथित अभद्र टिप्पणी के कारण सुर्खियों में आए थे। अब पुराने आपराधिक मामले में हाईकोर्ट से जांच की मंजूरी मिलने के बाद उनकी प्रशासनिक मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं।